अनुप्रिया अनंत
फिल्म : फटा पोस्टर निकला हीरो
कलाकार : शाहिद कपूर, इलियाना डिक्रूज, पदमीणी कोल्हापुरी
निर्देशक : राजकुमार संतोषी
रेटिंग: 3.5 स्टार
फिल्म की कहानी एक गांव से शुरू होती है. जहां शाहिद उर्फ विलास राव की मां ऑटो रिक्शा चलाती है और उसका एक ही सपना है कि वह अपने बेटे को पुलिस ऑफिसर बनायेगी. लेकिन बेटे को तो बचपन से ही फिल्मों का शौक है.वह डॉक्टर, इंजीनियर, पुलिस इंस्पैक्टर बनना तो चाहता है. लेकिन फिल्मों के माध्यम से. तकदीर भी उसे मुंबई नगरी पहुंचा देती है. लेकिन कुछ ऐसी परिस्थितियां होती हैं कि विलास की मां जिस रूप में विलास को देखना चाहती थी. परिस्थिति उसे पुलिस बना देती है. फिल्म को लेकर कई लोगों को यह शिकायत हो सकती है कि फिल्म जरूरत से ज्यादा लाउड है.
लेकिन हकीकत यह है कि फिल्म की कहानी और कैरेक्टर ही इस तरह से चुने गये हैं कि वह आपको चुभते नहीं. पदमीणी कोल्हापुरी कई दिनों के बाद परदे पर नजर आयी हैं और उन्होंने बेहतरीन अभिनय किया है. यह उनकी खूबी है कि आज भी जब वह परदे पर किसी मां के किरदार में हैं तो वह पूरी तरह से सशक्त नजर आ रही हैं. शाहिद कपूर ने लगातार असफलताओं का सामना किया है.
लेकिन फटा पोस्टर..में कामयाब होंगे. ऐसी उम्मीद की जा सकती है. फिल्म के कई सिचुएशन पर आप जोर के ठहाके लगायेंगे. राजकुमार संतोषी की फिल्म की खासियत फिल्म का क्लाइमेक्स सीन होता है. इस फिल्म में भी आपको उन दृश्यों में मजा आयेगा. लंबे अरसे के बाद किसी कॉमेडी फिल्म को आप अपने परिवार के साथ एंजॉय कर पायेंगे. चूंकि फिल्म में द्विअर्थी संवाद बिल्कुल नहीं और राजकुमार ने साबित किया है कि वे नये ट्रेंड जिसमें कॉमेडी के नाम पर अश्लीलता परोसी जाती है. उससे बिल्कुल अलग हट कर फिल्में बना भी सकते हैं और लोगों को हंसा भी सकते हैं.
राजकुमार अपने अंदाज के साथ एक बार फिर वापसी कर चुके हैं. फिल्म में सह कलाकारों ने भी बेहतरीन अभिनय किया है. संजय मिश्र अपने छोटे किरदारों में भी दर्शकों का ध्यान खींचते हैं. इस बार भी वह गुरुजी के किरदार में रोचक लगे हैं. इलियाना व मुकेश तिवारी, दर्शन जरीवाला जैसे कलाकारों ने भी अच्छा अभिनय किया है. सौरभ शुक्ला भी अपनी अदायगी से ध्यान खींचते हैं.
मुकेश तिवारी ने भी अपना किरदार बखूबी निभाया है. फिल्म में शाहिद को अपने डांसिंग टैलेंट को दिखाने के काफी मौके दिये गये हैं. हालांकि फिल्म में जिस अंदाज में मुंबई पुलिस को प्रस्तुत किया गया है. मुंबई पुलिस उतनी निठल्ली नहीं. फिल्म के संवाद बेहद रोचक हैं. हां, बस एक सवाल निर्देशक राजकुमार संतोषी से..फिल्म के पोस्टर में फटा पोस्टर निकला हीरो की जगह अंग्रेजी में फटा पोस्टर निखला हीरो क्यों.