मुम्बई : पटकथा लेखकों- सलीम खान और जावेद अख्तर को झटका देते हुए बंबई उच्च न्यायालय ने अमिताभ बच्चन अभिनीत हिट फिल्म ‘जंजीर’ के रीमेक पर रोक लगाने से आज इनकार कर दिया.सलीम और जावेद ने यह दावा करते हुए उच्च न्यायालय में वाद दायर किया था कि वर्ष 1973 की ब्लॉकबस्टर ‘जंजीर’ की पटकथा, और संवाद पर उनका कापीराइट है. उन्होंने इसका रीमेक बनाने के लिए प्रकाश मेहरा के परिजन से छह करोड़ रुपये मुआवजा मांगा था.
दोनों ने दलील दी थी कि पुरानी फिल्म की पटकथा पर उनका कॉपीराइट है और उन्होंने प्रकाश मेहरा को इस पटकथा के आधार पर बस एक बार के लिए फिल्म बनाने की इजाजत दी थी. ऐसे में उनकी अनुमति के बगैर उसका रीमेक नहीं बनाया जा सकता है.
लेकिन न्यायमूर्ति एस जे कथावाला ने इसके प्रदर्शन पर रोक लगाने से इंकार करते हुये याचिकाकर्ताओं को कोई अंतरिम राहत नहीं दी. न्यायालय ने दो कारणों के आधार अंतरिम राहत देने से इंकार किया. पहला कारण प्रतिवादियों को कानूनी नोटिस देने और वाद दायर करने में विलंब था जबकि दूसरा कारण उनके द्वारा मुआवजा मांगा जाना था.
इसके तुरंत बाद वादकारों के वकील रवि कदम ने न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ के समक्ष फैसले के खिलाफ मौखिक उल्लेख किया. न्यायालय ने उन्हें लिखित याचिका दायर करने का निर्देश देते हुये यह मामला कल के लिये सूचीबद्ध कर दिया. पहले प्रकाश मेहरा ने यह फिल्म बनाई थी और अब उनके रिश्तेदारों ने उसका रीमेक बनाया है. रीमेक इसी शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है.