नयी दिल्ली : ‘आपत्तिजनक शब्दों’ के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के लिए केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) द्वारा एक सूची जारी करने को लेकर विवाद के मद्देनजर बॉलीवुड के अग्रणी फिल्मकारों ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की. हालांकि, उस सूची को बाद में वापस ले लिया गया था.
अधिकारियों ने बताया कि फिल्म उद्योग के लिए बाधाओं को दूर करने, एकल खिडकी वाली अनुमति व्यवस्था बनाने और मोरल पुलिसिंग के बारे में आशंकाओं समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई.
बैठक में सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्द्धन राठौर, सचिव बिमल जुल्का और विक्रम भट्ट, अनुराग कश्यप, विशाल भारद्वाज और भाजपा सांसद विनोद खन्ना समेत कई फिल्मकार उपस्थित थे और यह फैसला किया गया कि मंत्रालय और फिल्मकारों के बीच नियमित संवाद होगा.
शहरी विकास राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने भी बैठक में हिस्सा लिया. वह भी पार्श्व गायक रहे हैं. राठौर ने बाद में कहा कि फिल्म उद्योग से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई. फिल्म निर्माता मुकेश भट्ट ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘हाल में सेंसर बोर्ड की तरफ से एक फरमान आया था. हम काफी परेशान थे क्योंकि प्रमाणन होना चाहिए और सेंसर करना बेकार है—-मंत्री ने हमें विश्वास दिया कि हमें जिम्मेदारी के साथ अच्छी फिल्में बनाने की आजादी होगी.’
अनुराग कश्यप ने कहा,’ हर तीन महीने पर सरकार के साथ हमारी यह बैठक होने जा रही है और हमारे बीच हमेशा मतभेद होने की बजाय हम साथ मिलकर काम करेंगे—-हम सब यहां से बेहद खुश होकर जा रहे हैं.’