पंजाब के लुधियाना शहर की एक 17 साल की लड़की ने जब फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा तो गॉड फादर न होने की वजह से उसे छोटे-मोटे किरदार ही मिले. लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और उन किरदार को भी इतनी शिद्दत से किया कि सिनेमा के दिग्गज उसे अपनी फिल्मों में लेने के लिए मजबूर हो गये. हम बात कर रहे हैं दिव्या दत्ता की. दिव्या का जन्म पंजाब के लुधियाना शहर में 25 सितम्बर 1977 को हुआ. 7 साल की उम्र में ही दिव्या के सिर से पिता का साया हट गया और जिसके बाद उनकी मां डॉक्टर नलिनी दत्ता ने उनका और उनके भाई का ख्याल रखा.
शायद यही वजह है कि दिव्या अपनी मां के बहुत करीब हैं. उन्होंने उनके लिए एक वृत्तांत भी लिखा, जिसका नाम है ‘मी एंड मां’. दिव्या दत्ता ने पंजाबी विज्ञापनों के लिए मॉडलिंग के साथ अपने करियर की शुरुआत की, उन्हें पहली हिंदी फिल्म ‘इश्क में जीना इश्क में मरना’ मिली.
सलमान खान की फिल्म ‘वीरगति’ से पहचान मिली. इसके बाद उन्होंने अपनी मातृभाषा पंजाबी में ‘शहीद-ए-मोहब्बत’ नाम की फिल्म में ‘जीनत’ का मुख्य किरदार किया और हर तरफ से वाहवाही लूटी. दिव्या ने हिंदी, पंजाबी के साथ नेपाली और मलयालम भाषा की फिल्मों में भी काम किया है. इसके अलावा उन्होंने कई मशहूर टीवी सीरियल्स में भी काम किया है.
वहीं ‘कसूर’ फिल्म में लिजा रे के किरदार के लिए डबिंग भी की है. उनकी चुनिंदा फिल्मों में ‘दिल्ली-6’, ‘वीर-ज़ारा’, ‘सुर’ और ‘वेलकम टू सज्जनपुर’ का नाम लिया जाता है. दिव्या की निजी जिंदगी उनके फिल्मी किरदार की तरह ही चुनौती भरी रही है.
दिव्या बताती हैं कि वो आज तक 1984 के सिख दंगे नहीं भूल पाई हैं जब डर के मारे वो अपनी मां के पल्लू में छुप गईं थी. इतना ही नहीं दिव्या ने साल 2005 में लेफ्टिनेंट कमांडर संदीप शेरगिल से शादी की लेकिन ये शादी मात्र कुछ ही महीनों में ही टूट भी गई. दिव्या अपनी नॉन-कॉन्ट्रोवर्शियल छवि के लिए भी जानी जाती हैं.
उन्होंने इंडस्ट्री के लगभग हर बड़े सितारे के साथ काम किया लेकिन कभी भी किसी अफेयर या विवाद में उनका नाम सामने नहीं आया. आज भी वो फिल्मों में पूरी तरह से सक्रिय हैं और दमदार रोल्स कर रही हैं.