मुंबई : संगीत के क्षेत्र में लोकप्रियता हासिल कर चुके स्वानंद किरकिरे का कहना है कि प्रसिद्ध राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) से होने की वजह से अभिनय कोई ऐसी चीज नहीं है जो उनके लिए एक दम से दूसरे ग्रह की हो. अपने गीतों के लिए जाने जाने वाले गीतकार, लेखक और गायक हाल ही में मराठी फिल्म ‘चुम्बक’ में बेहतरीन अभिनय के लिए सह अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुने गए हैं.
किरकिरे ने एक इंटरव्यू में बताया, ‘ मुझे अभिनय आता है और मैंने अपनी जिंदगी में कलाकारों को देखा और जाना है. नवाजुद्दीन सिद्दीकी मेरे बैच में थे. अगर मैंने अभिनय के बारे में सोचा होता तो 20 साल पहले ही शुरू कर देता. मैं गाने लिखकर क्यों समय बर्बाद करता? किसी ने मुझे ‘चुम्बक’ में अभिनय की पेशकश की और इसने सिर्फ मुझे ही नहीं, सबको चौंकाया.”
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं अपनी यात्रा पर सवाल नहीं उठाता. लेकिन मुझे नहीं पता कि आगे क्या होगा. लेकिन अभिनय ऐसी नयी चीज है जिसमें मुझे संतुष्टि मिली है और मैं अभिनय के क्षेत्र में जाना पसंद करूंगा.”
किरकिरे ‘हजारों ख्वाहिशों ऐसी’, ‘ चमेली’ और ‘बद्रीनाथ की दुल्हनिया’ जैसी फिल्मों में छोटे-छोटे किरदार अदा कर चुके हैं. उन्होंने 1996 में एनएसडी से स्नातक किया था और रंगमंच की दुनिया में आ गए थे.
उन्होंने कहा, ‘ मैंने कभी अभिनेता बनने के बारे में सोचा भी नहीं था और मैं अब राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाला कलाकार हूं. यह फिल्म की सच्चाई और ईमानदारी है कि उसने सबका दिल छू लिया. एक छोटी फिल्म राष्ट्रीय पुरस्कार के विशाल समुद्र में से चुनी गई.” किरकिरे ने कहा कि उन्हें अभिनय की पेशकश की जा रही हैं लेकिन उन्हें जल्दी नहीं है. वह अच्छी पकटथा की प्रतीक्षा करेंगे.