-अनुप्रिया अनंत-
फिल्म : हमशकल्स
कलाकार : सैफ अली खान, रितेश देशमुख, राम कपूर, ईशा गुप्ता, तमन्ना, बिपाशा बसु
निर्देशक : साजिद खान
रेटिंग : 1.5 स्टार
सही कहा साजिद खान,हम दर्शक पागल नहीं हैं. हमारा दिमाग ही खराब है…जो आपकी हिम्मतवाला के बाद एक बार फिल्म आपकी नयी पेशकश हमशक्लस देखेंगे या यूं कहें झेलेंगे. वाकई साजिद खान की नहीं फिल्म के निर्माता वासु भगनानी की हिम्मत की दाद देनी होंगी जिन्होंने हिम्मतवाला के फ्लॉप होने के बावजूद फिर से हमशकल्स बनाने की जुर्रत की.
इससे तो अच्छा किसी चैरिटी में दान दे देते. साजिद खान की हमशकल्स हिम्मतवाला की तरह ही एक टॉर्चर है. साजिद हंसी के नाम पर कुछ भी परोस रहे हैं. उनकी अतिश्योक्ति का ही यह नतीजा है कि वे बार- बार लगातार ऐसी बेवकूफियां करते जा रहे हैं. जिनके लिए उन्हें माफी नहीं मिलनी चाहिए. निस्संदेह हे बेबी जो कि उनकी पहली फिल्म थी. अब तक की उनकी सबसे अच्छी फिल्म है.
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इसके बार हाउसफुल सीरिज में उन्होंने दर्शकों का मनोरंजन किया था. लेकिन इसके बाद वे आकाश में उड़ने लगे हैं और वे भूल गये हैं कि दर्शकों को फिल्में देखने के लिए न सिर्फ अपना वक्त बल्कि पैसे भी खर्च करने पड़ते हैं. और खास बात यह है कि इसमें उनका साथ जाने माने अभिनेता भी दे देते हैं और यही उनका आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए काफी होता है. सैफ अली खान ने काफी अरसे बाद कॉमेडी करने की ठानी थी तो उन्हें किसी अच्छी स्क्रप्टि के साथ आगे बढ़ना चाहिए था.
हमशक्लस एक बददिमाग और बेफिजूल और बेवजह की कॉमेडी की बातों पर बनी फिल्म है. फिल्म के किसी भी हिस्से किसी भी दृश्य पर आपको हंसी नहीं आयेगी. फिल्म में सैफ के किरदार अशोक को स्टैंडअप कॉमेडी करते हुए दिखाया गया है. वह व्यापारी है. लेकिन जोक मारना उसका पैसन हैं. लेकिन लोग उसकी कॉमेडी सुन कर हॉल छोड़ कर भाग जाते हैं.साजिद ने शायद खुद को इस किरदार से परिभाषित करने की कोशिश की है कि लोग उन्हें सुनना या उनकी कॉमेडी देखना नहीं चाहते. लेकिन उन्हें मजबूरन लोग बर्दाश्त कर रहे हैं और वे फिल्में बनाना छोड़ नहीं रहे.
हमशकल्स 9 हमशक्लस की कहानी है. तीन मुख्य पात्र हैं और उनके दो दो हमशकल्स हैं. फिल्म में पागल खाना मुख्य किरदार है. फिल्म में अशोक(सैफ) और कुमार( रितेश) खास दोस्त हैं और उनके मामा(कंस) राम कपूर हैं. प्रोपर्टी की लड़ाई है और इसी लड़ाई में कंस अपने दोस्त का सहारा लेता है और अशोक और कुमार को कुत्ता बनाने पर मजबूर कर देता है. चंकी पांडे साजिद के प्रिय कलाकार हैं. सो, उन्हें भी फिल्म में छोटा सा किरदार दिया गया है. सारे पागल पागल खाने में मिलते हैं.
वही अन्य हमशकल्स भी मिलते हैं. फिल्म में रितेश देशमुख के अलावा किसी ने भी अपने किरदार को बखूबी नहीं निभाया है. सैफ जिस तरह से अपने चेहरे के भाव बनाते हैं. वह उसमें बिल्कुल आकर्षक नहीं दिखते.वे दर्शकों को बिल्कुल आकर्षित नहीं कर पायेंगे. राम कपूर के किरदारों में एक रूपता आती जा रही है.
सिर्फ रितेश अपने किरदार के साथ न्याय कर पा रहे हैं. शेष नायिकाओं के हिस्से में खास सीन या संवाद आये ही नहीं हैं. बिपाशा बेवजह नाराज हो रही थीं. फिल्म में किसी भी अभिनेत्री को खास मौके नहीं मिले हैं.साजिद खान ने फिल्म में लोगों को जबरन हंसाने की कोशिश की है और वे इसमें सफल नहीं होंगे. इसकी पूरी उम्मीद है.