अनुप्रिया अनंत
फिल्म रिव्यू : हीरोपंती
कलाकार : टाइगर श्रॉफ, कृति सनोन
निर्देशक : सबीर खान
रेटिंग : 3 स्टार
जैकी श्रॉफ के बेटे की पहली फिल्म है हीरोपंती. इस फिल्म से वे अपने फिल्मी करियर की शुरुआत कर रहे हैं. टाइगर को फिल्म की रिलीज से पहले ही उनकी मार्शल आर्ट और वैसी कई विधाओं के लिए तारीफ मिल चुकी है. लेकिन असली परीक्षा उनकी यह पहली फिल्म है.टाइगर नये हैं और फिल्म में उनकी वह मासूमियत नजर आती है. लेकिन उनकी कद काठी और व्यक्तित्व को देख कर आप इस भ्रम में नहीं रह सकते कि टाइगर आम हिंदी फिल्मों के कलाकारों की तरह ही जब एक्शन करेंगे तो उसमें टिपिकल हीरोपंती दिखायेंगे. दरअसल, टाइगर डांस और एक्शन में पूरी तरह निपुर्ण हैं.
यह वह फिल्म के शुरुआती दृश्यों में ही साबित कर देते हैं. हिंदी सिनेमा को अगला एक्शन हीरो मिल चुका है. अब यह निर्देशकों पर निर्भर करता है कि टाइगर को जबरन किसी रोमांटिक हीरो की भूमिका में बांधने की कोशिश न करें. यह सच है कि हिंदी फिल्मों में अजय देवगन, अक्षय कुमार और सलमान खान एक्शन के लिए जाने जाते हैं. लेकिन टाइगर की एंट्री एक अलग अंदाज की एंट्री है, लेकिन अफसोस फिल्म के निर्देशक सबीर खान उनके इस हुनर का फिल्म में सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं. उन्हें चाहिए था कि पहली बार में ही दर्शकों को टाइगर के वे सारे हुनर दिखायें. ताकि दर्शकों का विश्वास उन पर बढ़े. लेकिन वह ऐसा कर पाने में कामयाब नहीं होते. इसका खामियाजा कलाकारों को भुगतना पड़ सकता है.
लेकिन टाइगर की यह पहली फिल्म है और उनमें वह सारी ऊर्जा और संभावनाएं नजर आ रही हैं. अब उन्हें ध्यान में रख कर पूरी तरह से एक्शन फिल्म बनायी जा सकती है. फिल्म की अभिनेत्री कृति सनोन भी हाल में आयी नयी अभिनेत्रियों में से अलग उभर कर निकली हैं. वे भीड़ में नहीं खोयेंगी. उनका आत्मविश्वास फिल्म में पूरी तरह नजर आ रहा है. साजिद नाडियावाला की खोज दर्शकों को निश्चित तौर पर पसंद आयेगी. फिल्म की सबसे कमजोर कड़ी फिल्म की कहानी है, जो आपस में ही उलझी हुई है. इसमें खाप पंचायत के कड़े कानून, दोस्ती, प्यार और दो बेटियों के पिता की कहानी दिखाने की कोशिश की गयी है. फिल्म बेहद स्लो मोशन में चलती है. लेकिन इसका यह कतई मतलब नहीं कि हम फिल्म में अभिनेता और अभिनेत्री के काम को नजरअंदाज करें. दोनों को आगे भी मौके मिलने ही चाहिए.
निश्चित तौर पर टाइगर को अपने पिता के साथ कई बार तुलनाओं का सामना करना पड़ेगा. चूंकि यह हमारी नीति है. लेकिन हकीकत यही है कि टाइगर का अंदाज ए अभिनय बिल्कुल अपने पिता की तरह नहीं है और यह उनकी ताकत ही है कि उन्होंने खुद को पिता से बिल्कुल जुदा रखा है और इसी वजह से वे आगे भी कामयाबी हासिल करेंगे. यह पूर्ण विश्वास है. फिल्म में गाने अत्यधिक हैं. हां, रातभर.. और मेरे नाल तो विसिल बजा कर्णप्रिय हैं.