मुंबई : ‘बाथटब डेथ’ भारत के लिए नया और अनसुना हो सकता है लेकिन इस तरह की मौत का मामला जापान और अमेरिका जैसे देशों में आम है. बाथरूम में अचानक गिर जाने जैसी दुर्घटनाएं हमारे देश में आम हैं और इसे घर में होने वाली आम दुर्घटना के रूप में जाना जाता है. गुजरात के आनंद में किये गये अध्ययन के अनुसार ऐसी दुर्घटना का शिकार पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं ज्यादा होती हैं.
जापान में बाथटब में डूबने से सालाना 19 हजार लोगों की होती है मौत, अमेरिका में दो लाख लोग होते हैं दुर्घटना का शिकार
जापान में इस तरह की दुर्घटनाओं में सालाना 19 हजार लोगों की मौत होती है. जापान के कंज्यूमर अफेयर्स एजेंसी द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार बाथटब में मौत के मामले में 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. ऐसी दुर्घटना का शिकार होने वाले वाले 10 लोगों में से नौ 65 वर्ष की उम्र से ज्यादा के हैं. यहां बाथटब काफी गहरा भी होता है.
बाथटब डेथ के मामलों में 70 प्रतिशत की वृद्धि, 10 में से 9 लोग 65 वर्ष से अधिक के होते हैं
वहीं अमेरिका में वर्ष 2006 में जारी एक आंकड़े के अनुसार वहां प्रतिदिन एक व्यक्ति की मौत बाथटब में डूबने से हो जाती है और इनमें से अधिकांश लोग नशे में होते हैं. वहीं सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल इन अटलांटा, अमेरिका के अनुसार बाथटब जो घर का सबसे छोटा हिस्सा है वह बहुत ही खतरनाक है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दो लाख लोग जो 15 साल से अधिक उम्र के हैं वे प्रतिवर्ष बाथरूम में होने वाली दुर्घटना के कारण इमरजेंसी में इलाज के लिए आते हैं. इनमें से 14 प्रतिशत की स्थिति ऐसी होती है कि उन्हें अस्पताल में भरती करना पड़ता है. अधिकतर दुर्घटनाएं नहाने के दौरान होती है. दुर्घटना का शिकार होने वाले लोगों में अधिकतर महिलाएं होती हैं क्योंकि शरीर के निचले हिस्से में ताकत कम होती है और हड्डी कमजोर होता है.