नयी दिल्ली :संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ को लेकर सुप्रीम कोर्ट में फिल्म निर्माता की तरफ से पेश होनेवाले वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे को धमकी मिली है.टीवी रिपोर्ट्स के अनुसार करणी सेना ने उन्हें धमकी दी है.पिछले दिनों साल्वे ने तर्क दिया था कि कानून व्यवस्था को लेकर फिल्म की रिलीज रोकना ये कोई आधार नही हो सकता. CBFC ने देशभर में फिल्म के प्रदर्शन के लिए सर्टिफिकेट दिया है. ऐसे में राज्यों का पाबन्दी लगाना सिनेमेटोग्राफी एक्ट के तहत संघीय ढांचे को तबाह करना है. राज्यों का ऐसा कोई हक नहीं. ये अधिकार केंद्र का है’.
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फिल्म ‘पद्मावत’ पर रोक लगाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे खारिज कर दिया. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़़ ने इस प्रतिवेदन को भी खारिज कर दिया कि फिल्म रिलीज किए जाने से जान-माल और कानून-व्यवस्था को गंभीर खतरा पैदा हो सकता है.
पीठ ने वकील एम एल शर्मा द्वारा दायर ताजा याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए कहा, ‘कानून व्यवस्था कायम रखना हमारी जिम्मेदारी नहीं है. यह सरकार का काम है. याचिका खारिज की जाती है.’
दरअसल पद्मावत को कुछ राज्यों ने प्रदर्शित करने से इनकार कर दिय था, जिसके खिलाफ फिल्म के मेकर्स ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई करते हुए आदेश दिया था कि पद्मावत सभी राज्यों में रिलीज होगी. साथ ही चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली और न्यायमूर्ति एएम खानविलकर तथा न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने किसी भी अन्य राज्य को फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने वाला आदेश अथवा अधिसूचना जारी करने पर भी रोक लगा दी थी.
प्रसून जोशी को राजस्थान में घुसने नहीं देंगे
पद्मावत पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद राजपूत करणी सेना का उग्र प्रदर्शन और बयानबाजी जारी है. 25 जनवरी को परदे पर उतरने वाली फिल्म के विरोध में देशभर में हिंसा भड़काने के बाद अब इस संगठन ने सेंसर बोर्ड के चीफ प्रसून जोशी को धमकी दी है.राजपूत करणी सेना के सुखदेव सिंह ने एक बयान में कहा कि वह प्रसून जोशी को राजस्थान में घुसने नहीं देंगे. गौरतलब है कि गुरुवार को सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश ने कहा था ‘जब फिल्म के प्रदर्शन को इस तरह रोका जाता है तो मेरा संवैधानिक विवेक मुझे टोकता है.
फिल्म के अन्य निर्माताओं समेत वायकॉम18 की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी ने पीठ को बताया कि राज्यों के पास फिल्म के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने जैसी ऐसी अधिसूचना जारी करने की कोई शक्ति नहीं है, क्योंकि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) फिल्म की रिलीज के लिए प्रमाण पत्र जारी कर चुका है. मामले पर आगे की सुनवाई मार्च में होगी.
कानून व्यवस्था कायम रखना राज्यों का दायित्व
इस फिल्म की कहानी 13वीं सदी में महाराजा रतन सिंह एवं मेवाड़ की उनकी सेना और दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी के बीच हुए ऐतिहासिक युद्ध पर आधारित है. इस फिल्म में दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणबीर सिंह ने अभिनय किया है. न्यायालय ने कहा था कि कानून व्यवस्था कायम रखना राज्यों का दायित्व है. साथ ही न्यायालय ने यह भी कहा कि इस दायित्व में फिल्म से जुड़े लोगों को, उसके प्रदर्शन के दौरान तथा दर्शकों को पुलिस की सुरक्षा मुहैया कराना शामिल है.