हिंदी सिनेमा के रूपहले पर्दे पर उतरी सबसे खूबसूरत महिलाओं में शुमार अभिनेत्री मधुबाला की मोम की मूर्ति का नयी दिल्ली के मैडम तुसाद संग्रहालय में गुरुवारको अनावरण किया गया.
यह मूर्ति 1960 में आयी क्लासिक फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ में उनके द्वारा निभाये गये शोख और बागी अनारकली के किरदार के रूप में तैयार की गयी है.
यूं तो मधुबाला को गुजरे 48 साल बीत चुके हैं, लेकिन आज भी हर जुबान पर उनकी खूबसूरती के चर्चेहोते हैं. सोशल मीडिया पर मधुबाला के वैक्स स्टैचू की तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं.
कई कलाकारों की मदद से तैयार मूर्ति के लिए काफी शोध किया गया. शोध के तहत मधुबाला के परिवार के लोगों से मुलाकात के साथ ही उनकी तस्वीरों एवं वीडियो का अध्ययन किया गया.
The glorious moment is here! The wax figure of #MadhubalaAtTussaudsDelhi is absolute perfection. 😍 pic.twitter.com/W8S8NHSCvK
— Madame Tussauds India (@Tussaudsind) August 10, 2017
अनावरण के मौके पर मौजूद मधुबाला की बहन मधुर बृज ने कहा कि मूर्ति से मधुबाला के प्रशंसकों को उनके सौंदर्य को एक बार फिर रूबरू देखने का मौका मिलेगा.
https://twitter.com/tussaudsdelhi/status/895570432417574912
भारतीय सिनेमा की वीनस कही जाने वाली मधुबाला को ‘महल’ (1949), ‘अमर’ (1954), ‘मिस्टर एंड मिसेज 55’ (1955), ‘चलती का नाम गाड़ी’ (1958), ‘मुगल-ए-आजम’ (1960) और ‘बरसात की रात’ (1960) जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है.
मधुबाला का दिल की बीमारी के कारण 1969 में निधन हो गया. उस समय उनकी उम्र महज 36 साल थी.
गौरतलब है कि संग्रहालय में इससे पहले पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी कपिल देव, गायिका आशा भोंसले और श्रेया घोषाल की मूर्तियों का अनावरण किया जा चुका है. संग्रहालय इस साल के अंत तक आम लोगों के लिए खोल दिये जाने की उम्मीद है.
वर्ष 1952 में चर्चित अमेरिकी पत्रिका ‘थियेटर आर्ट्स’ में छपी एक तस्वीर से मधुबाला की खूबसूरती को वैश्विक मान्यता मिली थी. मधुबाला के सम्मान में भारतीय डाक ने वर्ष 2008 में उनकी तस्वीर वाला एक डाक टिकट जारी किया था.