20.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

बिहार की नृत्य परंपरा की विशिष्ट शैली है जट-जटिन नृत्य

रविशंकर उपाध्यायपटना : जब भी बिहारी नृत्य की बात होती है तो हमें अपने पारंपरिक नृत्य शैलियों की याद आती है. पर्व हो, त्योहार हो या उदासी. हर माहौल में बिहारी समाज अपने को कलात्मक शैली में प्रस्तुत करता रहा है. लोक नृत्यों के अंतर्गत अनंत प्रकार के स्वरूप और ताल हैं. हमारे लोग सभी […]

रविशंकर उपाध्याय
पटना :
जब भी बिहारी नृत्य की बात होती है तो हमें अपने पारंपरिक नृत्य शैलियों की याद आती है. पर्व हो, त्योहार हो या उदासी. हर माहौल में बिहारी समाज अपने को कलात्मक शैली में प्रस्तुत करता रहा है. लोक नृत्यों के अंतर्गत अनंत प्रकार के स्वरूप और ताल हैं. हमारे लोग सभी अवसरों पर नृत्य करते हैं. जीवन चक्र और ऋतुओं के वार्षिक चक्र के लिए अलग-अलग नृत्य हैं. नृत्य हमारे दैनिक जीवन और धार्मिक अनुष्ठानों का अंग है. नृत्यों ने कलात्मक-नृत्य का दर्जा प्राप्त कर लिया है. बिहार ने विभिन्न पारंपरिक नृत्य रूपों को विकसित किया है. बिहार में लोक नृत्य परंपरा को तीन समूहों में विभाजित किया जा सकता है. जोड़े में किया जाने वाला जट-जटिन मगध, मिथिला और कोसी क्षेत्र में सबसे लोकप्रिय लोक नृत्यों में से एक है. यह आमतौर पर एक जोड़े में किया जाता है.

टिकवा जब हम मंगईलयो रे जट्‌टा… टिकवा काहे नै लैली रे..?

अमूमन जट-जटिन कठिन परिस्थितियों में रह रहे प्रेमियों की कहानी बताते हैं. लेकिन अब के माध्यम से जट-जटिन कई सामाजिक स्थितियों में भी सूखा और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं जैसी स्थिति पर विचार विमर्श कर रहे हैं. गरीबी, दुख, प्यार जैसे सामाजिक रूप से चिंता के विषय इसमें अभिव्यक्ति पाते हैं. नृत्य प्रदर्शन करते हुए इसके कुछ संस्करणों में कलाकार एक वास्तविक चित्र जोड़ने के लिए मुखौटा भी पहनते हैं. टिकवा जब हम मंगईलयो रे जट्‌टा… टिकवा काहे नै लैली रे..? का सवाल हो या फिर महुआ के मातल ई टह टह इंजोरिया… का खुलासा करते हुए युगल नृत्य से चांदनी रात में काम कर रहे किसानों की भावनाओं को दिखाने का रंग. जब भी यह नृत्य गीतों के जरिये सुनाई देता है तो फिर समझिए कि हमारी भावनाएं भी हिलोरे लेने लगती है. नृत्य की एक से बढ़ कर एक शैली सबसे पहले, नृत्य कविता प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शन किया. दूसरी धारा मां पृथ्वी के करीब हैं और उनके नृत्य भारी स्वदेशी विकास से प्रभावित हैं, जो जन जातीय लोगों की उन है. तीसरी धारा दक्षिण बिहार के अन्य क्षेत्रों से संबंधित है. लोक नृत्य के अधिकांश, जिसमें देवी देवताओं लोकगीत और संगीत की ताल करने के लिए प्रदर्शन, नृत्य के माध्यम से लागू कर रहे हैं, प्रकृति में धार्मिक हैं. जट-जटिन उसका एक प्रमुख हिस्सा है.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel