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लता मंगेशकर ने स्टूडियो को धरोहर का दर्जा देने का विरोध किया

मुंबई: पाश्र्वगायिका लता मंगेशकर ने आज बंबई उच्च न्यायालय में महाराष्ट्र सरकार के एक आदेश को चुनौती दी है जिसमें कोल्हापुर में उनकी जमीन पर स्थित एक फिल्म स्टूडियो को ऐतिहासिक धरोहर घोषित किया गया है. न्यायमूर्ति अभय ओका की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष लता की याचिका सुनवाई के लिए आई जिसने सरकार को […]

मुंबई: पाश्र्वगायिका लता मंगेशकर ने आज बंबई उच्च न्यायालय में महाराष्ट्र सरकार के एक आदेश को चुनौती दी है जिसमें कोल्हापुर में उनकी जमीन पर स्थित एक फिल्म स्टूडियो को ऐतिहासिक धरोहर घोषित किया गया है.

न्यायमूर्ति अभय ओका की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष लता की याचिका सुनवाई के लिए आई जिसने सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और कोल्हापुर नगर निगम को भी नोटिस जारी कर 7 फरवरी तक जवाब देने को कहा.82 वर्षीय मशहूर गायिका ने अधिकारियों पर जमीन कब्जाने का आरोप लगाते हुए दलील दी कि ना तो सरकार ने और ना ही केएमसी ने जयप्रभा स्टूडियो को ऐतिहासिक धरोहर घोषित करने से पहले उन्हें नोटिस दिया जैसा कि महाराष्ट्र क्षेत्रीय शहरी नियोजन (एमआरटीपी) कानून की धारा 37 (1) के तहत जरुरी है.

लता ने 1959 में जानेमाने मराठी फिल्मकार भालजी पेंढरकर से 13 एकड़ जमीन खरीदी थी। पेंढरकर ने कोल्हापुर के पूर्ववर्ती राज परिवार से जमीन खरीदी थी और इस पर एक स्टूडियो बनाने का वायदा किया था.उसी के अनुसार जमीन पर जयप्रभा स्टूडियो बनाया गया जो आज भी मौजूद है. स्टूडियो का फिलहाल इस्तेमाल नहीं किया जाता और यह अब श्रेणी-3 का ऐतिहासिक धरोहर भवन बन गया है. इस जमीन का बड़ा हिस्सा एक बिल्डर को घर बनाने के लिए दिया गया.सिंह ने दलील दी कि स्टूडियो को धरोहर बनाये जाने के कारण इसमें मरम्मत का कार्य नहीं किया जा सकता या पुनर्निर्माण नहीं किया जा सकता। इसलिए लता ने सरकार के 29 दिसंबर, 2012 के आदेश को चुनौती दी है.

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