UP Chunav 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के चुनावी दंगल जारी है. यहां छह चरणों में चुनाव हो चुके है. जिसके बाद आज सातवें चरण का मतदान हुआ. आजमगढ़ जिले में आने वाले लालगंज विधानसभा सीट पर भी सातवें चरण में मतदान हुआ. आजमगढ़ जिले में शाम 5 बजे तक 52.34 प्रतिशत मतदान हुआ.
आजमगढ़ जिला का लालगंज विधानसभा सवर्ण बहुल सीट में शामिल है. 1952 में गठन के बाद कांग्रेस के कालिका सिंह पहली बार विधायक बने. यहां 1989 के बाद सवर्णों का वर्चस्व समाप्त होता गया. 1996 में बीजेपी के नरेंद्र सिंह विधायक चुने गए थे. 2012 में लालगंज सीट सुरक्षित कर दी गई थी.
लालगंज सीट का सियासी इतिहास
1952- कालिका सिंह- कांग्रेस
1957- तेज बहादुर सिंह- निर्दलीय
1962- सत्यदेव सिंह- प्रजा सोशलिस्ट पार्टी
1967, 1969, 1974- त्रिवेणी राय- कांग्रेस
1977- ईशदत्त यादव- जनता दल
1980- त्रिवेणी राय- कांग्रेस
1982 (उपचुनाव)- रवींद्र राय- कांग्रेस
1985, 1989- श्रीप्रकाश सिंह उर्फ ज्ञानू- जनता पार्टी
1991, 1993- सुखदेव राजभर- बसपा
1996- नरेंद्र सिंह- भाजपा
2002, 2007- सुखदेव राजभर- बसपा
2012- बेचई सरोज- सपा
2017- आजाद अरिमर्दन- बसपा
लालगंज सीट से मौजूदा विधायक
2017 में बसपा के आजाद अरिमर्दन को सफलता मिली.
लालगंज का जातिगत समीकरण
अनुसूचित जाति- 95 हजार
क्षत्रिय- 48 हजार
भूमिहार- 47 हजार
ब्राह्मण- 15 हजार
वैश्य- 10 हजार
कोइरी- 14 हजार
पासी- 46 हजार
मुस्लिम- 45 हजार
चौहान- 18 हजार
यादव- 32 हजार
लालगंज विधानसभा में मतदाता
कुल विधायक- 3,85,125
पुरुष- 2,09,443
महिला- 1,75,675
थर्ड जेंडर- 7
लालगंज विधानसभा के मुद्दे
लालगंज विधानसभा क्षेत्र सर्वाधिक पिछड़ा है.
यह क्षेत्र रेल यातायात से नहीं जुड़ पाया है.
लालगंज में रोडवेज बस अड्डा भी नहीं बना है.
इस क्षेत्र में कोई उद्योग-धंधा भी नहीं है.