बेंगलुरु: रूस-यूक्रेन युद्ध (Ukraine-Russia War) की वजह से कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती जा रही हैं. कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की टेंशन बढ़ा दी है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Fin Min Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को यूक्रेन संकट के कारण कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों (Crude Oil Prices) पर चिंता जतायी. उन्होंने संकेत दिया कि केंद्र सरकार वैकल्पिक स्रोतों का इस्तेमाल करने पर विचार कर रही है.
हम आगे देखेंगे
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की कर्नाटक इकाई द्वारा आयोजित एक संवाद सत्र में केंद्रीय वित्त मंत्री से भारत की अर्थव्यवस्था पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और यूक्रेन-रूस संघर्ष (Ukraine-Russia Conflict) के प्रभाव के बारे में पूछा गया था. वित्त मंत्री ने कहा, ‘निश्चित रूप से इसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर होगा.’ निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा, ‘हम इसे एक चुनौती के रूप में लेने और इसके असर को कम करने के लिए कितना तैयार होंगे. यह कुछ ऐसा है, जो हम आगे देखेंगे.’
85 फीसदी तेल आयात करता है भारत
निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत कच्चे तेल की कुल जरूरत का 85 प्रतिशत से अधिक हिस्सा आयात से पूरा करता है. जब भी तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो यह चिंता का विषय है. वित्त मंत्री ने कहा कि हमें देखना होगा कि यह आगे किस दिशा में जाता है. उन्होंने बताया कि तेल विपणन कंपनियां 15 दिन के औसत के आधार पर खुदरा कीमतें तय करती हैं, लेकिन अब हम जिन आंकड़ों की बात कर रहे हैं, वे औसत से परे हैं.
वैकल्पिक स्रोत की तलाश कर में भारत सरकार
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार कच्चा तेल पाने के लिए किसी वैकल्पिक स्रोत की तलाश कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक बाजार के सभी स्रोत समान रूप से अकल्पनीय हैं. निर्मला सीतारमण ने कहा कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों का असर पड़ेगा, और बजट में कुछ प्रावधान किये गये हैं, लेकिन वे केवल सामान्य उतार-चढ़ाव पर आधारित है, लेकिन अब हालात उससे परे हैं.
ब्रेंट क्रूड की कीमत 127 डॉलर
निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘इसलिए, हमें देखना होगा कि हम इसका समाधान कैसे कर सकते हैं.’ अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड (Brent Crude Oil) मंगलवार को करीब 127 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था. पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे (Petrol-Diesel Price Under GST) में लाने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘यह पहले से ही (जीएसटी परिषद के समक्ष) है. पेट्रोल और डीजल पहले से ही जीएसटी परिषद में हैं.’
Posted By: Mithilesh Jha