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भ्रामक विज्ञापन पर होगा जुर्माना !

नयी दिल्ली: उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने नये उपभोक्ता संरक्षण बिल का मसौदा तैयार किया है. यह बिल उपभोक्ता हितों को और मजबूत करेगी. बिल में प्रावधान है कि भ्रामक और झूठे विज्ञापन करनेवाले सेलीब्रेटी हस्तियों पर भारी जुर्माने का प्रस्ताव है. स्थायी समिति ने भी सिफारिशें अप्रैल में दाखिल कर दीं. वित्त मंत्री अरुण […]

नयी दिल्ली: उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने नये उपभोक्ता संरक्षण बिल का मसौदा तैयार किया है. यह बिल उपभोक्ता हितों को और मजबूत करेगी. बिल में प्रावधान है कि भ्रामक और झूठे विज्ञापन करनेवाले सेलीब्रेटी हस्तियों पर भारी जुर्माने का प्रस्ताव है. स्थायी समिति ने भी सिफारिशें अप्रैल में दाखिल कर दीं. वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षतावाला मंत्री समूह इसे मंजूरी दे चुका है. विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस पर उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने कहा,‘ मसौदा बिल को विधि मंत्रालय में भेजा गया है.

हमने इसमें 80 के करीब संशोधनों का प्रस्ताव किये थे. इस पर विधि मंत्रालय ने नया विधेयक ही लाने का सुझाव दिया.’ मंत्रालय नये मसौदे पर शीघ्र ही मंजूरी लेगा. उपभोक्ताओं को डिजिटाइजेशन का पूर्ण लाभ दिलाने और ऑनलाइन व्यवस्था के जोखिमों से निबटने के लिए सरकार सख्त कदम उठा रही है, जिससे लोगों को धोखा धड़ी का शिकार न होना पड़े.

तकनीकी और डिजिटल युग में उपभोक्ताओं को शिक्षित करना और उनके विवादों का निपटान करना आसान नहीं है. उपभोक्ताओं के विवादों के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन कार्यक्रम के तहत ऑनलाइन शिकायतें दर्ज की जाती है. उनकी समस्या का निपटान शीघ्रता से किया जाता है. इसे मौजूदा सत्र में पारित कर दिया जायेगा.

फ्लैट नहीं देने पर 55 लाख देगी सुपरटेक

उपभोक्ता मंच ने रियल इस्टेट कंपनी सुपरटेक को निर्देश दिया है कि समय सीमा के अंदर साउथ दिल्ली निवासी रणजीत भाटिया को फ्लैट नहीं देने के लिए उन्हें 55 लाख रुपये अदा करे. राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने बिल्डर को निर्देश दिया. मुकदमे के खर्च के तौर पर 10 हजार का भी भुगतान करे. भाटिया द्वारा दर्ज करायी शिकायत के मुताबिक उन्होंने कंपनी की नोएडा परियोजना में एक करोड़ 35 लाख रुपये का फ्लैट बुक कराया. आवंटन पत्र के मुताबिक उन्हें जुलाई 2015 में फ्लैट सौंपा जाना था.

सुरक्षा के लिए बिल्डर जिम्मेदार

केंद्र ने नयी राष्ट्रीय भवन संहिता का प्रस्ताव किया है. इसके तहत इमारत के ढांचे की सुरक्षा के लिए सीधे तौर पर बिल्डर जिम्मेदार होंगे. उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने बुधवार को संशोधित संहिता को पेश किया. संहिता को उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के तहत भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) ने तैयार किया है. हालांकि, यह संहिता स्वैच्छिक प्रकृति की है, लेकिन राज्य इसे अपने भवन उपनियमों में शामिल कर सकते हैं.

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