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पीएम मोदी के नेतृत्व में चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए तैयार है भारत : मुकेश अंबानी

दावोस : देश के प्रमुख उद्योगपति और रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी ने विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के पांच दिवसीय सम्मेलन के दूसरे दिन अपने संबोधन में कहा कि भारत में धन के सृजन में किसी तरह की रुकावट पैदा नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इसके बाद ही सही मायने में संपत्ति का वितरण होता […]

दावोस : देश के प्रमुख उद्योगपति और रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी ने विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के पांच दिवसीय सम्मेलन के दूसरे दिन अपने संबोधन में कहा कि भारत में धन के सृजन में किसी तरह की रुकावट पैदा नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इसके बाद ही सही मायने में संपत्ति का वितरण होता है. इसके साथ ही उन्होंने खुले बाजार वाली अर्थव्यवस्था की भी हिमायत की है. उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा नोटबंदी की घोषणा के बाद से भारत में सकारात्मक प्रभाव दिखायी पड़ने लगे हैं. रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व में भारत चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए तैयार हो गया है.

विश्व आर्थिक मंच के सम्मेलन में देश के प्रमुख उद्योगपति मुकेश अंबानी ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर अपना प्रकाश डालते हुए कहा कि सही मायने में देखा जाये, तो भारत को अपनी शिक्षा प्रणाली में बदलाव करने की भी जरूरत है. उन्होंने कहा कि देश की शिक्षा व्यवस्था में तकनीकी इस्तेमाल से इसकी प्रणाली को सुधारने में सबसे अधिक सहयोग मिल सकता है.

औद्योगिक क्रांति से समाज में न हो विभाजन

वहीं, औद्योगिक क्रांति के मसले पर इंफोसिस के प्रमुख विशाल सिक्का ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी के विपरीत यह कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए तैयार तो है, लेकिन प्रयास यह किया जाना चाहिए कि चौथी औद्योगिक क्रांति से होने वाले बदलाव के कारण समाज में कोई बड़ा विभाजन न पैदा हो जाये. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि नोटबंदी की सफलता से यह भी साबित होता है कि भारत तकनीकी क्षेत्र में बड़े बदलावों को अपनाने के लिए तैयार है.

उपभोक्ता खर्च को प्रभावित कर सकती है नोटबंदी

वहीं, चौंकाने वाली बात यह भी है कि विश्व आर्थिक मंच के सम्मेलन में नोटबंदी को लेकर देश के दो प्रमुख उद्यमी रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी और इंफोसिस प्रमुख विशाल सिक्का के बयानों के विपरीत संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट पेश की है. अपनी रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि भारत में नोटबंदी का अल्पावधि में उपभोक्ता खर्च पर उल्लेखनीय प्रभाव देखने को मिलेगा, लेकिन देश की अर्थव्यवस्था 7.6-7.7 फीसदी विकास दर की ओर लौट आयेगी.

संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी विश्व आर्थिक स्थिति और संभावनाएं (डब्ल्यूईएसपी) 2017 की रिपोर्ट में उम्मीद जतायी गयी है कि मजबूत निजी उपभोग के कारण वित्त वर्ष 2017 में भारत की वृद्धि दर 7.7 फीसदी और वर्ष 2018 में 7.6 फीसदी की रहेगी. हालांकि, रिपोर्ट में देश की आर्थिक प्रगति में नोटबंदी के प्रभाव पर गौर नहीं किया गया है.

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