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ATM से रकम निकासी पर लगी सीमा को हटाने पर जेटली ने साधी चुप्पी

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि बैंकों से मुद्रा की उपलब्धता के मामले में स्थिति को बड़े पैमाने पर ठीक हो चुकी है. हालांकि उन्होंने बैंक और एटीएम से रकम निकासी पर लगी सीमा को हटाने के बारे में कोई संकेत नहीं दिया है. वित्तमंत्री ने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक के पास […]

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि बैंकों से मुद्रा की उपलब्धता के मामले में स्थिति को बड़े पैमाने पर ठीक हो चुकी है. हालांकि उन्होंने बैंक और एटीएम से रकम निकासी पर लगी सीमा को हटाने के बारे में कोई संकेत नहीं दिया है. वित्तमंत्री ने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक के पास और मुद्रा डालने के लिए नोटों का पर्याप्त भंडार है और वह इसकी आपूर्ति जारी रखेगा.

जेटली ने कहा, मैंने दिल्ली भर का दौरा किया है और पूरे देश से हमारे पास रपटें हैं कि बैंकों के बाहर लोगों की कतार में उल्लेखनीय कमी आयी है.’ गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नंवबर की मध्यरात्रि से 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बंद करने की औचक घोषणा की थी जिसके बाद से बैंकों के बाहर नोट बदलने और नकदी निकासी के लिए लोगों की लंबी-लंबी कतारें देखी गयीं थी. इसी के साथ रिजर्व बैंक बाजार ने फिर से नयी मुद्रा को डालना जारी रखा हुआ है.

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक बराबर मुद्रा जारी करता रहता है. नोटों की तीन श्रेणिया हैं जिसमें पहली श्रेणी वैध मुद्रा की है जो विधि मान्य बनी रहेगी. दूसरी श्रेणी 500 और 2000 रुपये के नये नोटों की है जिसे रिजर्व बैंक रोज जारी कर रहा है. तीसरी श्रेणी में वह पूरी मुद्राएं है जो नयी नहीं है. लेकिन कल से चलन में सभी मुद्राएं वैध एवं मान्य मुद्राएं होंगी.’ वित्त मंत्री ने कहा कि कल से बैंकों में केवल मान्य मुद्राएं ही होंगी.

नकदी निकासी पर लगी सीमा हटाने के बारे में प्रश्न पूछे जाने पर जेटली ने कहा, ‘‘कृपया इंतजार करिए, जब हम इस पर निर्णय ले लेंगे तो सार्वजनिक किया जायेगा.’ कर विभाग द्वारा बड़े पैमाने पर अंजाम दियेगये छापों के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘यह दिखाता है कि बड़े स्तर पर लोग नोटों की तस्करी और अदला-बदली में शामिल हैं और यह प्रधानमंत्री के आठ नवंबर के फैसले को उचित ठहराता है.’

वहींपूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम के बयान पर टिप्पणी करते हुए जेटली ने कहा, ‘‘मैं वह अर्थशास्त्र सीखना चाहूंगा जहांं कम जीडीपी से उच्च कर राजस्व एकत्रण किया जाता है.’

राजस्व संग्रहण में बढ़ोतरी के कारण बताते हुए जेटली ने कहा कि प्रत्यक्ष कर सीधे तौर पर आर्थिक वातावरण और गतिविधियों से जुड़ा होता है और आर्थिक गतिविधियों के विस्तार से ऊंची आय होती है. उन्होंने कहा कि और जहां तक अप्रत्यक्ष कर की बात है तो अन्य वस्तुओं के बीच सोने के आयात में कमी से सीमा शुल्क में कम वृद्धि हुई है.

जेटली ने कहा, ‘‘सेवा कर भी आर्थिक गतिविधियों और उत्पाद शुल्क बड़े पैमाने पर विनिर्माण पर निर्भर करता है. उत्पाद शुल्क का कुछ हिस्सा राजस्व संबंधी अतिरिक्त उपायों पर निर्भर कर सकता है जो इस साल की शुरुआत में निश्चित उत्पाद शुल्कों के बारे मेें लियेगये थे.” दिसंबर 19 तक आयकर संग्रहण में शुद्ध वृद्धि 14.4 प्रतिशत रही है और बड़े पैमाने पर वापसी करने के बाद भी संग्रहण में शुद्ध वृद्धि 13.6 प्रतिशत रही है.

उन्होंने कहा कि अप्रत्यक्ष कर संग्रहण एक अप्रैल से 30 नवंबर के बीच 26.2 प्रतिशत बढ़ा है वहीं उत्पाद शुल्क में 43.5 प्रतिशत, सेवा कर में 25.7 प्रतिशत और सीमाशुल्क में 5.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है.

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