चेन्नई : इंडिया सीमेंट के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एन श्रीनिवासन ने अफसोस जताते हुए कहा कि किसी परियोजना को लगाने में दो या तीन साल का समय लगता है. उन्होंने यह भी कहा कि उद्योग के हाथ पांच बांधकर दौड़ने के लिये मजबूर किया जा रहा है.
उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘अब नयी चुनौतियां हैं. लाइसेंस समिति खत्म हो गयी लेकिन पर्यावरण समिति आ गयी है. अगर कोई परियोजना लगाना चाहता है, उसे परिचालन में लाने के लिये दो या तीन साल का समय लगता है.” श्रीनिवासन ने कहा कि मद्रास चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्टरी के ‘चैंबर दिवस’ के मौके पर कल कहा, ‘‘उद्योग को पर्यावरण मंजूरी लेनी होती है और उन्हें जमीन के लिये उंची लागत उठाना पड़ती है.” उन्होंने कहा, ‘‘आज एक उद्योग को चलाना काफी कठिन है. वह भी तब जब जो भी परियोजना लगाना चाहता है, उसके लिये दरवाजे खुले हैं. भारतीय उद्योग के हाथ और पांव पीछे से बांधकर दौड़ने के लिये मजबूत किया जा रहा है.”
श्रीनिवासन ने कहा कि इसमें उद्यमियों में जुझारुपन और लड़ने की भावना देखने लायक है. इस कठिन समय में परिचालन के लिये विनिर्माण क्षेत्र को सलाम है. उन्होंने कहा कि यह कहना आसान है कि उद्योग को प्रतिस्पर्धी होना चाहिए.‘‘लेकिन क्या कर मोर्चे पर हमारे लिये समान अवसर उपलब्ध है.” श्रीनिवासन ने कहा कि भारतीय उद्योग अप्रत्यक्ष कर और ब्याज का बड़ा बोझ है.
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