नयी दिल्ली : सरकार ने वर्तमान नीलामी प्रक्रिया से बेचे जाने वाले स्पेक्ट्रम के उपयोग से दूरसंचार कंपनियों को होने वाली वार्षिक आय पर 5 प्रतिशत की दर से स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
नीलामी के लिए वित्तीय बोली फरवरी में आमंत्रित की जाने वाली है और सरकार के इस फैसले से नीलामी के प्रति आकर्षण बढने की उम्मीद है. मंत्रिमंडल की कल हुयी बैठक में नये स्पेक्ट्रम पर एसयूसी की दर के बारे में यह फैसला किया गया है. इससे पहले वित्त मंत्री पी चिदंबरम की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह ने नये स्पेक्ट्रम पर 5 प्रतिशत की दर से एसयूसी लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी.
आज जारी एक सरकारी बयान में कहा गया है कि मौजूदा नीलामी में वर्तमान बोली में खरीदे गये स्पेक्ट्रम एजीआर (समायोजित सकल आय) के 5 प्रतिशत की दर से शुल्क लगाया जाएगा. मौजूदा बैंड में पहले से हासिल स्पेक्ट्रम और इस नीलामी में खरीदे गये स्पेक्ट्रम दोनों के होने की स्थिति में कंपनी पर 900 मेगाहर्ट्ज और 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड के पूरे स्पेक्ट्रम के आधार पर शुल्क आरोपित किया जाएगा. बयान में कहा गया है कि जो लाइसेंसधारक इस बार की नीलामी में स्पेक्ट्रम नहीं खरीद रहे हैं, उन्हें मौजूदा स्लैब दरों के आधार पर ही एसयूसी का भुगतान करना होगा.
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