वाशिंगटन : भारत और अमेरिका के बीच 100 अरब अमेरिकी डॉलर के व्यापार के मौजूदा स्तर को दोनों देश पांच गुना बढ़ाना चाहते हैं और उन्होंने बाधाओं को दूर करने तथा दोनों देशों में व्यवसाय के माहौल में सुधार के लिए व्यापार और निवेश नीति से संबंधित सभी मुद्दों का तेजी से समाधान करने का संकल्प किया है.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच वार्ता के बाद इस संदर्भ में दोनों पक्षों ने एक उच्च स्तर की द्विपक्षीय निवेश संधि के लिए अपनी प्रतिबद्धता जतायी जो दोनों देशों में आर्थिक वृद्धि और नौकरी पैदा करने की दिशा में खुलेपन, पारदर्शिता और पूर्वानुमेयता को प्रोत्साहित करेगी.
वे विनिर्माण क्षेत्र में निवेश पर एक संयुक्त समिति की स्थापना के लिए विचार करने पर भी सहमत हुए. बातचीत के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया, यह उल्लेख करते हुए कि 2001 से दोतरफा व्यापार पांच गुना होकर करीब 100 अरब अमेरिकी डॉलर तक का हो चुका है, राष्ट्रपति ओबामा और प्रधानमंत्री सिंह इस बात पर सहमत हुए कि द्विपक्षीय व्यापार को पांच गुना और बढ़ाने में कोई जटिल अड़चनें नहीं हैं.
बयान में कहा गया कि ओबामा ने विश्वास जताया कि भारत की अर्थव्यवस्था को उदार बनाने के लिए जारी भारतीय आर्थिक सुधार और नीतिगत कदम आर्थिक वृद्धि को तेज करेंगे और दोनों देशों में व्यापार तथा नौकरियों के सृजन के लिए बड़े द्वार खोलेंगे. इस बीच, एक आधिकारिक घोषणा में कहा गया है कि वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और उनके अमेरिकी समकक्ष जैकब ल्यू 13 अक्तूबर को वाशिंगटन में भारत-अमेरिका आर्थिक वार्ता के अगले दौर की बैठक करेंगे.
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