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Moody”s ने भारतीय अर्थव्‍यव्‍स्‍था पर दिखाया विश्‍वास, साख परिदृष्‍य को किया सकारात्‍मक

नयी दिल्‍ली : साख निर्धारण एजेंसी मूडीज ने आज भारत का साख परिदृश्य यह कहते हुए स्थिर से बढाकर सकारात्मक कर दिया है कि सरकार आर्थिक शक्ति बढाने के लिए कदम उठा रही है. साथ ही एजेंसी ने इस बात पर जोर दिया कि अगले करीब एक-डेढ साल में रेटिंग बढ सकती है. अमेरिका की […]

नयी दिल्‍ली : साख निर्धारण एजेंसी मूडीज ने आज भारत का साख परिदृश्य यह कहते हुए स्थिर से बढाकर सकारात्मक कर दिया है कि सरकार आर्थिक शक्ति बढाने के लिए कदम उठा रही है. साथ ही एजेंसी ने इस बात पर जोर दिया कि अगले करीब एक-डेढ साल में रेटिंग बढ सकती है. अमेरिका की रेटिंग एजेंसी ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘मूडीज का फैसला साख परिदृश्य स्थिर से सकारात्मक इस आधार पर किया जा रहा है कि ऐसी संभावना बढ रही है कि नीति निर्माता देश की आर्थिक शक्ति बढाएंगे जिससे आने वाले दिनों में देश की वित्तीय ताकत बढेगी.’

मूडीज ने भारत को ‘Baa3’ रेटिंग प्रदान की है जो निवेश श्रेणी से नीचे है. मूडीज की निवेश सेवा ने कहा कि अनुकूल जनांकिकी, आर्थिक विविधता और उंची बचत तथा निवेश दर भारत के लिए ढांचागत लाभ के तौर पर काम करेगा. इसके अलावा वैश्विक स्तर पर जिंस मूल्य में नरमी तथा नकदी की स्थिति के कारण भारत की वृद्धि दर ऊंची रहेगी. मूडीज ने यह भी कहा कि यदि सरकार की पहलों से वृद्धि बढती है तो वह अगले एक से डेढ साल में भारत की साख बढा सकती है.

वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सब्रमणियन ने ट्विटर पर जारी संदेश में कहा ‘मूडीज द्वारा भारत का साख परिदृश्य बेहतर करने से सरकार के सुधार पर जोर देने, बेहतर वृद्धि, वृहत् आर्थिक परिदृश्य, सार्वजनिक निवेश की बजट रणनीति और राजकोषीय अनुशासन की पुष्टि हुई है.’ रेटिंग एजेंसी ने हालांकि, कहा कि निरंतर मुद्रास्फीतिक दबाव, भुगतान संतुलन दबाव और अनिश्चित नियामकीय माहौल के कारण वृद्धि में भारी उतार-चढाव हुआ और भारत वित्तीय झटकों के प्रति संवेदनशील रहा जिससे इसका साख दृष्टिकोण बाधित रहा.

मूडीज ने कहा ‘मुद्रास्फीति पर नियंत्रण, वाह्य संतुलन पर लगाम, निवेशकों के लिए नियामकीय प्रणाली को आसान बनाने और बुनियादी ढांचा विकास को प्रोत्साहित करने के संबंध में हाल में उठायी गयी पहलों से भारत की साख से जुडी कुछ दिक्कतें कम होंगी.’ मूडीज की ‘Baa3’ रेटिंग से भारत की राजकोषीय, मुद्रास्फीति और बुनियादी ढांचा से जुडे पैमाने पर हल्का प्रदर्शन जाहिर होता है. एजेंसी ने कहा ‘हालांकि नीतियों में इन सभी कारकों को ध्यान में रखना शुरू किया जा रहा है और लेकिन इनसे कहां तक सुधार की संभावना है यह अभी भी साफ नहीं है.’

मूडीज ने कहा कि वित्तीय क्षेत्र में बैंकिंग क्षेत्र की भूमिका और बैंकों का एनपीए बढना भारत की रेटिंग के लिए जोखिम है. आने वाले महीनों में बैंकिंग प्रणाली के पैमाने में सुधार न होना भारत की साख के लिए मुश्किलदेह होगा. मूडीज ने कहा कि यदि नीतिनिर्माता वृद्धि बढाने और वृद्धि को सतत रखने वाली आर्थिक एवं संस्थागत सुधार को पेश करने में कामयाब रहते हैं तो इससे साख बढाने पर विचार किया जाएगा. मूडीज ने कहा ‘दूसरी ओर, यदि आर्थिक, राजकोषीय तथा संस्थागत मजबूती नजर नहीं आती या बैंकिंग प्रणाली कमजोर रहती है या भुगतान संतुलन का जोखिम बढता है तो रेटिंग परिदृश्य को संशोधित कर स्थिर कर दिया जाएगा.’

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