नयी दिल्ली : पेट्रोलियम मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने संकेत दिया है कि वह आंध्र प्रदेश तट के पास बंगाल की खाड़ी के केजी-डी6 गैस ब्लाक का 86 प्रतिशत इलाका रिलायंस इंडस्ट्रीज से वापस लेने की हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच) की सिफारिश को संभवत: पूरी तरह स्वीकार नहीं करेंगे.
रिलायंस इंडस्टरीज के लिए यह राहत की बात है. डीजीएच ने मंत्रालय को सुझाव दिया है कि रिलायंस इंडस्टरीज को केजी-डी6 ब्लाक क्षेत्र का 86 प्रतिशत क्षेत्र वापस लौटाने को कहा जाना चाहिए. इनमें आठ जगह गैस के स्रोत मिले है. इनमें 5 अरब डालर मूल्य का खनिज ईंधन का भंडार होने की संभावना है.
डीजीएच ने कहा है कि कंपनी निर्धारित समय में क्षेत्र का विकास नहीं कर पायी है.मोइली ने कहा, इस मामले की समीक्षा चल रही है.पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि इस बारे में फैसला सिर्फ नियमों के तकनीकी पहलुओं के आधार पर नहीं किया जाएगा और किसी भी निर्णय से पहले देश की ऊर्जा सुरक्षा पर ध्यान दिया जायेगा.
उन्होंने कहा कि तकनीकी तरीके से नियमों को लागू करना आपके लिए अच्छा है, लेकिन यह देश के लिए अच्छा नहीं है. मोइली देश में ज्यादा आक्रामक तरीके से तेल एवं गैस का उत्खनन चाहते हैं जिससे तेल की खरीद पर हर साल खर्च होने वाली 160 अरब डालर की विदेशी मुद्रा की बचत हो सके.
डीजीएच ने पूर्वी अपतटीय केजी-डी6 ब्लाक में कम संभावना वाले 4,233 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को छोड़ने की पेशकश को खारिज करते हुए कहा है कि कंपनी अनुबंध के तहत क्षेत्र में 7,645 वर्ग किलोमीटर में से अनुबंध के तहत 6,601 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को वापस करे.
हाइड्रोकार्बन महानिदेशक आर एन चौबे ने 15 अप्रैल को पेट्रोलियम सचिव विवेक रे को पत्र लिखकर कहा है कि रिलायंस इंडस्टरीज द्वारा जिन 19 तेल एवं गैस खोजों का दावा किया गया है उनमें से तीन परीक्षण आंकडों की अनुपस्थिति में व्यावसायिक दृष्टि से व्यावहारिक नहीं हैं, वहीं पांच अन्य के लिए कंपनी ने निवेश योजना नहीं सौंपी गयी है.
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