नयी दिल्ली : केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार को कहा कि सरकार वाणिज्यिक खनन के लिए दिसंबर तक नीलामी को लेकर वैश्विक कंपनियों को आमंत्रित करने की योजना बना रही है. कोयला क्षेत्र को खोलने के प्रयास के तहत यह कदम उठाया जा रहा है. इस कदम का मकसद कोयला निर्यात में कमी लाना है. इसके साथ ही, घरेलू बाजार में कोल इंडिया का एकाधिकार समाप्त हो जायेगा. देश के कुल कोयला उत्पादन में कोल इंडिया की हिस्सेदारी 80 फीसदी से अधिक है.
नेशनल जियोसाइंस अवार्ड 2018 के दौरान जोशी ने संवाददाताओं से अलग से बातचीत में कहा कि सौ फीसदी वाणिज्यिक खनन की मंजूरी दी गयी है. दिसंबर या उसके आसपास हमारी इसे क्रियान्वित करने की योजना है. जोशी के पास खान और संसदीय मामलों का भी प्रभार है. उन्होंने कहा कि सरकार इसके लिए वैश्विक कंपनियों को आमंत्रित करेगी. कोयला क्षेत्र में 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) से कोयला खनन क्षेत्र में बेहतर प्रौद्योगिकी के साथ और निवेशक आयेंगे.
जोशी ने कहा कि हम वैश्विक कंपनियों को आमंत्रित कर रहे हैं. क्षेत्र में पहले से 100 फीसदी एफडीआई है. और निवेशक आयेंगे. हम बेहतर प्रौद्योगिकी हासिल करने की उम्मीद कर रहे हैं. जहां तक कोयला खनन (वाणिज्यिक खनन) का सवाल है, तो क्षेत्र में जो भी कमियां होंगी, उन्हें दूर किया जायेगा. सौ फीसदी वाणिज्यिक खनन को मंजूरी दी गयी है. देश में कोयला महत्वपूर्ण ईंधन है और पर्याप्त मात्रा में है. देश की ऊर्जा जरूरतों में इसकी हिस्सेदारी 55 फीसदी है और सरकार इसके आयात पर अंकुश लगाने का प्रयास कर रही है.
देश का कोयला आयात जून में 28.7 फीसदी बढ़कर 2.41 करोड़ टन पर पहुंच गया, जो पिछले वित्त वर्ष के इसी महीने में 1.87 करोड़ टन था. लौह अयस्क खनन से जुड़े मुद्दों के बारे में जोशी ने कहा कि सरकार इस पर काम कर रही है और यह देखेगी कि खनिज की कोई कमी नहीं हो.
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