नयी दिल्ली : सरकार को देश में रोजगार के अधिक से अधिक अवसर पैदा करने के लिए पर्यटन, रीयल एस्टेट और कपड़ा क्षेत्र पर अधिक ध्यान देना चाहिए. देश के प्रमुख वाणिज्य एवं उद्योग मंडल एसोचैम ने आगामी बजट पर अपने सुझावों में यह बात कही है. उद्योग मंडल ने यह भी कहा है कि सरकार को सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों के लिए भी स्थिति बेहतर बनानी चाहिए.
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बजट से पहले यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में एसोचैम अध्यक्ष बालकृष्ण गोयनका और वरिष्ठ उपाध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने अर्थव्यवस्था में निजी क्षेत्र का निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ाने के उपाय किये जाने पर जोर दिया. गोयनका ने कहा कि हर साल 50 से 60 लाख नये युवा रोजगार पाने वालों में शामिल हो जाते हैं. सरकार के समक्ष उनके लिए बेहतर रोजगार उपलब्ध कराने की चुनौती है.
उन्होंने कहा कि पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र है, जहां सरकार बड़ा निवेश किये बिना भी रोजगार के काफी अवसर पैदा कर सकती है. देश में 1,200 से अधिक छोटे टापू अथवा द्वीप है, जिन्हें पर्यटन के लिहाज से सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत विकसित किया जा सकता है. इन्हें 20 से 40 साल के लिए निजी क्षेत्र को दिया जा सकता है, ताकि वह बेहतर सुविधाएं विकसित कर सकें. इसके साथ ही, उन्होंने पर्यटकों को पहुंचने पर वीजा देने की सुविधा की भी वकालत की.
एसोचैम के वरिष्ठ उपाध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने रीयल एस्टेट क्षेत्र के लिए स्थितियां और बेहतर करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि रीयल एस्टेट क्षेत्र में काफी संख्या में मकान बिना बिके पड़े हैं. उन्होंने एक ‘राष्ट्रीय किराया आवास नीति’ की घोषणा पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि हर व्यक्ति को मकान खरीद कर ही रहना है. वह किराये पर भी रह सकता है और इसके लिए एक नीति बनायी जानी चाहिए. किराये से होने वाली आय पर 10 फीसदी की दर से एकमुश्त कर लगाया जा सकता है. इससे रीयल एस्टेट क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा और निवेश बढ़ेगा. उन्होंने सीमेंट को जीएसटी की सबसे ऊंची दर से हटाने की मांग की.
उन्होंने कहा कि सीमेंट का इस्तेमाल मकान, भवन, सड़क और ढांचागत क्षेत्र के तमाम कामों में किया जाता है. इसलिए इसे 28 फीसदी जीएसटी दर से हटाकर कम दर पर कर लगाया जाना चाहिए. हीरानंदानी ने कहा कि कपड़ा क्षेत्र भी रोजगार सृजन को बढ़ावा दे सकता है. पिछले पांच साल के दौरान इस क्षेत्र में हम काफी पीछे रह गये. यह श्रम प्रधान क्षेत्र है, लेकिन इसकी बेहतरी के लिए नीतियों में लचीलापन लाना होगा. श्रम कानूनों में लचीलापन लाना होगा. सड़क और बुनियादी संरचना क्षेत्र में भी गतिविधियां बढ़ाने की जरूरत है.