नयी दिल्ली : खरीदारों को किसी संपत्ति का कब्जा देने के लिए अनिश्चितकाल तक इंतजार नहीं कराया जा सकता. शीर्ष उपभोक्ता अदालत ने यह व्यवस्था देते हुए गुड़गांव के एक बिल्डर को समय पर फ्लैट का आवंटन नहीं करने के लिए उपभोक्ता को 1.15 करोड़ रुपये लौटाने का निर्देश दिया है.
राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग (एनसीडीआरसी) ने कहा कि बिल्डर ‘अप्रत्याशित हालात’ की धारा का हवाला देकर शिकायतकर्ता द्वारा जमा करायी गयी राशि को अपने पास नहीं रख सकता. यह सिर्फ सेवा में खामी का मामला नहीं है, बल्कि अनुचित व्यापार व्यवहार भी है.
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यह ऐसा प्रावधान है, जिसके तहत किसी तरह की अप्रत्याशित परिस्थितियां जो नियंत्रण से बाहर की हैं, में संबंधित पक्ष को अनुबंध की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने से छूट देता है. आयोग के अध्यक्ष आर के अग्रवाल तथा सदस्य एम श्रीशा की पीठ ने कहा कि हमारा विचार है कि शिकायतकर्ता को कब्जा देने के लिए अनिश्चितकाल तक इंतजार नहीं कराया जा सकता.
पीठ ने अशोक कुमार तनेजा की शिकायत पर यह आदेश पारित किया है. तनेजा ने ओरिस इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के पास गुड़गांव में अपार्टमेंट बुक कराया था और मई, 2012 से दिसंबर, 2016 के दौरान 1.15 करोड़ रुपये का भुगतान किया था. शिकायतकर्ता ने अनुसार, बिल्डर ने अपार्टमेंट का कब्जा दिसंबर, 2015 तक देने का वादा किया था.
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