20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अर्थव्यवस्था में सुधार होने पर टैक्स में मिलेगी और छूट: जेटली

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अर्थव्यवस्था में सुधार होने पर आयकर में और छूट देने का वादा किया. जेटली ने शनिवार को कहा कि हम उच्च कराधान की व्यवस्था नहीं चाहते. पिछली सरकार की उच्च कराधान की नीति के कारण मुद्रास्फीति बढ़ी है. एक खबरिया टीवी चैनल पर बातचीत में उन्होंने रजत […]

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अर्थव्यवस्था में सुधार होने पर आयकर में और छूट देने का वादा किया. जेटली ने शनिवार को कहा कि हम उच्च कराधान की व्यवस्था नहीं चाहते. पिछली सरकार की उच्च कराधान की नीति के कारण मुद्रास्फीति बढ़ी है. एक खबरिया टीवी चैनल पर बातचीत में उन्होंने रजत शर्मा से कहा कि मुझे नहीं लगता कि 1947 से अब तक कोई ऐसा आम बजट आया, जिसमें निम्न, मध्यम तथा अधिक आयवाले वर्ग के सभी करदाताओं को 50,000 रुपये तक की राहत दी गयी.

चैनल की तरफ से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, वित्त मंत्री ने कहा कि अगर सरकारी खजाने में और पैसे होंगे तो वह और राहत देंगे. उन्होंने कहा कि अगर कल सरकार के पास ज्यादा पैसा होगा, मैं और राहत दूंगा. उन्होंने उम्मीद जतायी कि करदाता और खर्च करेंगे, ज्यादा बचत करेंगे, जिससे आर्थिक वृद्धि बढ़ेगी और विनिर्माण क्षेत्र को गति मिलेगी, जिसमें पिछले दो साल में नकारात्मक वृद्धि देखी गयी. जेटली ने रक्षा क्षेत्र में 49 प्रतिशत एफडीआइ की अनुमति देने के सरकार के निर्णय का बचाव करते हुए कहा कि वह आयात की जगह इस बात को तरजीह देंगे कि भारतीयों द्वारा नियंत्रित कंपनियां 49 प्रतिशत एफडीआइ के साथ देश में रक्षा उपकरण बनाये. उहोंने कहा कि जहां तक मैं जानता हूं सोनिया जी ही रक्षा क्षेत्र में 49 प्रतिशत एफडीआइ का विरोध कर रही थीं और रक्षा उपकरणों के आयात को तरजीह दे रही थी.

* स्पष्ट हुई टैक्स पॉलिसी

सरकार ने शनिवार को कहा कि बजट 2014-15 से टैक्स पॉलिसियों में स्पष्टता आयी है. वह राजकोषीय बाधाओं के बीच अर्थव्यवस्था को पुन: तेजी की पटरी पर लाने के लिए मुश्किल रास्तों पर चलेगी. राजस्व सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष कर दोनों ही मोर्चे पर सरकार का मुख्य ध्यान आर्थिक वृद्धि में तेजी बहाल करने और विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि बहाल करने पर था. साथ ही, रोजगार के अवसरों का सृजन करने, टैक्स को तर्कसंगत बनाने, टैक्स संबंधी मुकदमों में कमी लाने और नीतियों में अस्पष्टता दूर करने पर ध्यान था. उद्योग मंडल फिक्की के साथ बजट के बाद परिचर्चा में दास ने कहा कि बजट प्रस्तावों से कर नीतियों में अधिक स्पष्टता आयी है.

दस जुलाई को संसद में पेश अपने पहले बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने टैक्स छूट सीमा 50,000 रुपये बढ़ा कर ढाई लाख रुपये टैक्स मध्यम वर्ग को राहत उपलब्ध कराने की कोशिश की. जेटली ने 80सी के तहत वित्तीय प्रतिभूतियों में निवेश की भी सीमा 50,000 रुपये बढ़ा कर डेढ़ लाख रुपये की.

बजट में विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए कई प्रस्ताव किये गये हैं. साथ ही, यह आश्वासन भी दिया गया है कि सरकार कोई नयी देनदारी या कर मांग का निर्माण करने के लिए कर कानूनों में पिछली तिथि से कोई संशोधन नहीं करेगी. उद्योगपतियों के साथ परिचर्चा के लिए वित्त मंत्रालय के अन्य सचिवों के साथ मौजूद वित्त सचिव अरविंद मायाराम ने कहा कि सरकार ने उद्योग जगत के साथ विचारों पर चर्चा का विकल्प खुला रखा है. वह उनकी चिंताओं को दूर करेगी.

मायाराम ने कहा कि मेरा नजरिया यह है कि यह एक विकासोन्मुखी बजट है. यह अर्थव्यवस्था को तेजी की पटरी पर वापस लायेगा. हमें आगे बहुत मुश्किल रास्ते से गुजरना पड़ेगा, लेकिन यह हमारा दृढसंकल्प है कि सरकार उस रास्ते पर चलेगी. बीते दो वित्त वर्षों में भारत की आर्थिक वृद्धि दर घट कर पांच प्रतिशत से नीचे आ गयी, जिससे राजस्व संग्रह में कमी आयी और राजकोषीय घाटा ऊंचा हुआ. सरकार ने चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4.1 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा है, जो पिछले वित्त वर्ष में जीडीपी के 4.5 प्रतिशत पर था.

* बजट में घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन स्वागत योग्य

आम बजट 2014-15 में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों खास कर कंप्यूटर और मोबाइलफोन हैंडसेट के घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन दिये जाने के उपायों का स्वागत करते हुए घरेलू मोबाइल कंपनी कार्बन के प्रबंध निदेशक प्रदीप जैन ने कहा कि नयी सरकार का पहला बजट काफी प्रभावशाली है. इसमें देश में उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को मजबूती प्रदान करने का प्रयास किया गया है.

न्होंने कहा कि यह बजट देश में घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करता है. इससे भारतीय अर्थव्यवस्था में समृद्धि लाने और देश में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसरों का सृजन करने में मदद मिलेगी. आम बजट 2014-15 में जेटली ने स्मार्टकार्ड कंपोनेंट पर चार प्रतिशत का विदेश अतिरिक्त शुल्क (एसएडी) खत्म कर दिया है. देश में विनिर्मित और आयातित सामानों में समानता लाने के लिए आयातित इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर 3 प्रतिशत की दरवाला शिक्षा उपकर लगा दिया है. घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए विश्व व्यापार समझौते की परिधि के बाहर के आइटी कंपोनेंट पर जैन ने कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ाने का भी प्रस्ताव किया है, जिससे घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें