नयी दिल्ली : खुदरा क्षेत्र ने साल 2018 में रिकॉर्ड प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) हासिल किया है. नये साल में यह क्षेत्र और अधिक विलय एवं अधिग्रहणों (एमएंडए) के लिए तैयार है. संगठित दुकानों और नयी पीढ़ी के आनलाइन मंचों के बीच की रेखा अब धुंधली पड़ रही है. क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि 2018 में लगभग सभी प्रारूप में बड़े मूल्य के निवेश आये और साथ ही, ऑनलाइन तथा ऑफलाइन के बीच का अंतर कम हुआ. यह रुख आगे भी जारी रहने की उम्मीद है. इस क्षेत्र में छह करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ है.
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साल 2018 में क्षेत्र में अपना सबसे बड़ा एफडीआई मिला. खुदरा क्षेत्र ने साल के दौरान डाटा विश्लेषण, वर्चुअल रीयल्टी और कृत्रिम मेधा (एआई) जैसे क्षेत्रों में निवेश किया, जिससे व्यापार बढ़ाने में मदद मिली. युवा आबादी, खर्च योग्य आय में बढ़ोतरी और डिजिटल भुगतान आदि की वजह से यह क्षेत्र और अधिक उपभोक्ता अनुकूल बनने की ओर अग्रसर है.
वॉलमार्ट इंडिया के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) कृष अय्यर ने कहा कि चाहे ऑफलाइन हो या ऑनलाइन खुदरा क्षेत्र लगातार आगे बढ़ेगा. दुनिया की सबसे बड़ी रिटेलर वॉलमार्ट इंक ने 2018 में देश की प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट में 16 अरब डॉलर में 77 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया है. यह भारत में सबसे बड़ा सौदा है.
साल के दौरान कई और सौदे भी हुए और आगे और होने वाले हैं. जेफ बेजॉस के नियंत्रण वाली ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने अपनी उपस्थिति को और मजबूत करते हुए ऑफलाइन प्रारूप मसलन के राहेजा प्रवर्तित शॉपर स्टॉप तथा आदित्य बिड़ला समूह की खुदरा कंपनी मोर में निवेश किया है. परामर्श क्षेत्र की कंपनी ई-वाई के भागीदार और नेशनल लीडर (उपभोक्ता उत्पाद एवं खुदरा) पिनाकीरंजन मिश्र ने कहा कि भागीदारी और अधिग्रहण अभी और चर्चा में रहेंगे, क्योंकि इस क्षेत्र की कंपनियां नयी क्षमता हासिल करने का प्रयास करेंगी.
डेलॉयट इंडिया के भागीदारी अनिल तलरेजा ने कहा कि भारत में खुदरा क्षेत्र की रफ्तार कायम रहेगी और 2019 में और विलय एवं अधिग्रहण देखने को मिलेंगे. उद्योग संगठन रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सीईओ कुमार राजगोपालन ने कहा कि बड़े ऑनलाइन रिटेलर्स ऑफलाइन भी अपनी उपस्थिति बढ़ाने का प्रयास करेंगे, जबकि बड़े ऑफलाइन रिटेलर्स ऑनलाइन मंच पर भी आना चाहेंगे. इससे अगले एक दो साल में इस क्षेत्र मे कई गठजोड़ देखने को मिलेंगे.
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