मुंबई : रुपये में पांच दिनों से जारी गिरावट थम गई तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों के संकेतों के बीच निर्यातकों की डालर बिकवाली से यह 11 माह के निम्न स्तर से उबरता हुआ 32 पैसे की तेजी के साथ 56.44 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ.
रुपये को इस बात से मजबूती मिली कि सरकार की तरफ से विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) में निवेश सीमा पांच अरब अमेरिकी डालर की जा सकती है जिससे अधिक धनप्रवाह संभव बनेगा. चालू खाते के घाटे की बढ़ती चिंताओं तथा अमेरिकी आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज वापस लिये जाने पर विदेशों से धन की आवक प्रभावित होने की आशंकाओं के चलते विगत पांच सत्रों में रुपये में 119 पैसे की गिरावट आई है.
अन्तरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 56.56 रुपये प्रति डालर पर उंचा खुला जो पहले 56.76 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ था और जो 11 माह का निम्न स्तर था. लिवाली और बिकवाली के झोकों के बीच कारोबार के दौरान यह 56.39 रुपये से 56.73 रुपये प्रति डालर के दायरे में उतार चढ़ाव के बाद 32 पैसे अथवा 0.56 प्रतिशत की तेजी दर्शाता यह 56.44 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ.
बंबई शेयर बाजार का सूचकांक आज 64.70 अंक अथवा 0.33 प्रतिशत की गिरावट दर्शाता बंद हुआ. शेयर बाजार के प्राथमिक आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 85 करोड़ रुपये के शेयरों की खरीद की. इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने डालर रुपया विनिमय की संदर्भ दर 56.6423 रुपये प्रति डालर और यूरो.रुपया की 73.9720 रुपये प्रति यूरो निर्धारित की थी. पौंड और जापानी येन के मुकाबले रुपये में सुधार आया जबकि यूरो के मुकाबले इसमें गिरावट आई.
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