नयी दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अर्थव्यवस्था की हालत को अत्यधिक कठिन बताते हुए आज कहा कि सरकार भारत को सतत उच्च विकास पथ पर ले जाने को प्रतिबद्ध है और साथ ही मुद्रास्फीति को काबू में रखा जायेगा व कर व्यवस्था विरोध भाव से मुक्त रखी जायेगी.
संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए मुखर्जी ने कहा, हम आर्थिक मोर्चे पर अत्यंत कठिन दौर से गुजर रहे हैं. लगातार दो वर्ष से हमारी वृद्धि दर 5 प्रतिशत से कम रही है, कर उगाही कम हुई है, मुद्रास्फीति अवांछित स्तर पर बनी हुई है. अत: भारतीय अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाना मेरी सरकार के लिए बड़ा काम है.
भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गंठबंधन (राजग) सरकार की नीतियों और प्राथमिकताओं को प्रस्तुत करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, हम अर्थव्यवस्था को सतत उच्च विकास पथ पर ले जाने के लिए मिलजुल कर काम करेंगे. महंगाई नियंत्रित करेंगे. निवेश चक्र में तेजी लायेंगे, रोजगार सृजन के प्रयासों को तेज करेंगे और देश की अर्थव्यवस्था के प्रति घरेलू व अंतरराष्ट्रीय समुदाय का विश्वास बहाल करेंगे.
उच्च मुद्रास्फीति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि नयी सरकार इसको काबू में रखने को सर्वोच्च प्राथमिकता देगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए जमाखोरी और कालाबाजारी को रोकने के लिए कारगर कदम उठाये जायेंगे और सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार किया जाएगा और इसके लिए विभिन्न राज्यों में लागू सबसे अच्छी व्यवस्थाओं को समाहित किया जाएगा.
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