वाशिंगटन : अमेरिका ने 16 अरब डॉलर की अन्य चीनी वस्तुओं पर आयात शुल्क गुरुवार को लगाया. यह शुल्क ऐसे समय लगाया गया है, जब व्यापार तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के वार्ताकार बातचीत कर रहे हैं. इस कदम के साथ चीन के 50 अरब डॉलर मूल्य के सामान पर अमेरिका का आयात शुल्क लगाने का पहला दौर पूरा हो चुका है, जिसकी घोषणा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की थी. इससे पहले, छह जुलाई को 34 अरब डालर की वस्तुओं पर आयात शुल्क लगाया गया था.
चीन ने कहा है कि वह इसका तत्काल जवाब देगा और उतनी ही राशि की अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क लगायेगा. इसके तहत वह हार्ले मोटरसाइकिल, नारंगी जूस जैसे उत्पादों को लक्ष्य बनायेगा. अमेरिका ने शुल्क लगाने का कदम ऐसे समय उठाया है, जब दोनों बड़ी अर्थव्यवस्थाएं व्यापार युद्ध को लेकर उत्पन्न तनाव को दूर करने के लिये जून से ही बातचीत कर रही हैं.
ट्रंप ने अमेरिका का व्यापार घाटा कम करने के लिए आक्रामक व्यापार कार्रवाई शुरू की है. उन्होंने अमेरिकी प्रौद्योगिकी की चोरी का आरोप लगाया है, लेकिन अमेरिका के इस कदम का उसके व्यापार भागीदारों ने आक्रामक रूप से जवाब दिया है. इससे अमेरिकी किसान, विनिर्माता और ग्राहक प्रभावित हो रहे हैं. अमेरिकी कंपनियां शुल्क में वृद्धि को लेकर चिंतित हैं. इससे विनिर्माण लागत बढ़ रही है और अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.
हालांकि, इस मामले का बातचीत के जरिये समाधान निकलने की उम्मीद की जा रही है. इसके अलावा, 200 अरब डॉलर मूल्य की और चीनी वस्तुओं पर आयात शुल्क लगाने की आशंका है. इस मामले में इस सप्ताह सुनवाई होनी है. साथ ही, ट्रंप ने अमेरिकी उद्योग के हितों की रक्षा के लिए सभी वाहनों के आयात पर 25 फीसदी कर का प्रस्ताव किया है.
इस बीच, वाणिज्य मंत्री बिल्बस रॉस ने कहा कि अमेरिका जिस गति से कदम उठा रहा है, चीन के लिए उस तेजी से जवाबी कार्रवाई करना संभव नहीं है. उन्होंने सीएनबीसी से कहा कि निश्चित रूप से वे बदले की कुछ कार्रवाई करेंगे, लेकिन हमारे पास उनके मुकाबले ज्यादा गोलियां हैं. उन्हें यह पता है. ट्रंप ने भी कहा है कि हमारी अर्थव्यवस्था कहीं बड़ी है और वे भी यह जानते हैं. राष्ट्रपति ने चीन से आयातित 500 अरब डॉलर मूल्य के सामान पर शुल्क लगाने की चेतावनी दी है.
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