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‘खादी” चिह्न के बिना उत्पाद बेचने वाली 222 कंपनियों को भेजा गया नोटिस

नयी दिल्ली : खादी व ग्रामोद्योग आयोग ने खादी चिह्न के अनधिकृत इस्तेमाल के लिए बीते ढाई साल में 222 फर्मों को कानूनी नोटिस भेजे हैं. आयोग के अनुसार, ये फर्में कथित तौर पर बिना पंजीकरण कराये ‘खादी मार्क’, ‘हाथ की कताई’ या ‘हाथ से बुना’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर अपने उत्पाद बेच रही […]

नयी दिल्ली : खादी व ग्रामोद्योग आयोग ने खादी चिह्न के अनधिकृत इस्तेमाल के लिए बीते ढाई साल में 222 फर्मों को कानूनी नोटिस भेजे हैं. आयोग के अनुसार, ये फर्में कथित तौर पर बिना पंजीकरण कराये ‘खादी मार्क’, ‘हाथ की कताई’ या ‘हाथ से बुना’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर अपने उत्पाद बेच रही हैं. आयोग के अध्यक्ष वीके सक्सेना ने यह जानकारी दी.

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उन्होंने कहा कि खादी की बिक्री में हाल ही में आये उछाल के मद्देनजर आयोग का यह दायित्व है कि वह खरीदारों के हितों की रक्षा करें, ताकि कोई फर्म उन्हें खादी उत्पाद के नाम पर चूना नहीं लगा सके. सक्सेना ने कहा कि आयोग कानून के अनुसार खादी उत्पाद बेचने वाली व ‘हाथ से कता’, ‘हाथ से बुना’ या ‘ हथकरघे में बुना ‘ शब्द इस्तेमाल करने के लिए फर्म को खादी चिह्न के लिए पंजीकरण करवाकर शुल्क चुकाना होता है. ऐसे फर्म को हस्तशिल्पियों की जानकारी देने के साथ साथ अन्य प्रक्रियाओं को पूरा करना होता है.

उन्होंने कहा कि आयोग ने दिसंबर, 2015 से 222 फर्मों को कानूनी नोटिस भेजे हैं. आयोग चाहता है कि वे खादी के उत्पाद बेचने के लिए पंजीकरण करवायें और खादी मार्क के लिए पात्र बने. उन्होंने कहा कि आयोग का दायित्व है कि वह ब्रांड के रूप में खादी की रक्षा करे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद खादी को बढ़ावा दे रहे हैं.

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