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एक अप्रैल से लागू हो जायेंगे दीर्घकालीन पूंजी लाभ कर, बजट के अन्य प्रस्ताव

नयी दिल्ली : शेयरों की बिक्री से एक लाख रुपये से अधिक की कमाई पर फिर से लागू दीर्घकालीन पूंजी लाभ कर (एलटीसीजी) समेत बजट के कई प्रस्ताव एक अप्रैल से शुरू नये वित्त वर्ष में लागू हो जायेंगे. इसके अलावा 250 करोड़ रुपये तक के कारोबारवाली कंपनियों पर कंपनी कर कम कर 25 प्रतिशत […]

नयी दिल्ली : शेयरों की बिक्री से एक लाख रुपये से अधिक की कमाई पर फिर से लागू दीर्घकालीन पूंजी लाभ कर (एलटीसीजी) समेत बजट के कई प्रस्ताव एक अप्रैल से शुरू नये वित्त वर्ष में लागू हो जायेंगे.

इसके अलावा 250 करोड़ रुपये तक के कारोबारवाली कंपनियों पर कंपनी कर कम कर 25 प्रतिशत करने तथा व्यक्तिगत आयकर के मामले में परिवहन भत्ता और चिकित्सा प्रतिपूर्ति (रिम्बर्समेंट) के एवज में 40,000 रुपये की मानक कटौती समेत अन्य कर प्रस्ताव भी अमल में आ जायेंगे. साथ ही वरिष्ठ नागरिकों के लिए कर से मुक्त ब्याज आय की सीमा पांच गुना बढ़ाकर 50, 000 रुपये सालानाकर दी गयी है. इसी तरह आयकर कानून की धारा80 डी के तहत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर किये गये भुगतान तथा चिकित्सा व्ययपर कर कटौती की सीमा भी 30,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी गयी है. यह सब नये वित्त वर्ष में पहली अपैल से ही लागू हो जायेंगे. वरिष्ठ नागरिक तथा अति वरिष्ठ नागरिकों के लिए गंभीर बीमारी के मामले में कर छूट एक अप्रैल से एक लाख रुपये की गयी है, जबकि अबतक यह क्रमश: 60,000 रुपये और 80,000 रुपये थी.

राजग सरकार के अंतिम पूर्ण बजट में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने अति धनाढ्यों पर 10 से 15 प्रतिशत तक अधिभार को बरकरार रखा. साथ ही कर योग्य आय पर लगनेवाले स्वास्थ्य तथा शिक्षा उपकर 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत किया गया है. यह प्रस्ताव भी रविवार से प्रभाव में आ जायेगा. वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में 14 साल के अंतराल के बाद शेयरों की बिक्री से एक लाख रुपये से अधिक के पूंजीगत लाभ पर10 प्रतिशत कर (एलटीसीजी) लगाने का प्रस्ताव किया गया. फिलहाल एक साल के भीतर शेयर बिक्री से होनेवाले पूंजी लाभ पर15 प्रतिशत कर लगता है. हालांकि, खरीद के एक साल बाद बेचे जाने से होनेवाले पूंजी लाभ पर कोई कर नहीं देना होता है. सरकार ने हालांकि निवेशकों को इस मोर्चे पर कुछ राहत दी है.

31 जनवरी के बाद सूचीबद्ध होने वाले शेयरों की बिक्री पर कर देनदारी की गणना करते समय मुद्रास्फीति के समायोजन का लाभ दिया जायेगा. उल्लेखनीय है कि जुलाई 2004 में सरकार ने शेयरों पर एलटीसीजी हटा दिया था और उसकी जगह प्रतिभूति सौदा कर (एसटीटी) लगाया था. यह अभी जारी है. आयकर तथा स्लैब को यथावत रखते हुए बजट में वेतनभोगियों तथा पेंशनभोगियों के लिए 40,000 रुपये की मानक कटौती दी गयी है. यह कटौती परविहन और चिकित्सा व्यय के संदर्भ में मौजूदा छूट के बदले दी गयी है. इस मानक कटौती की व्यवस्था को 2006-07 से समाप्त कर दिया गया था. फिलहाल 19,200 रुपये परिवहन भत्ता तथा 15,000 रुपये तक के चिकित्सा व्यय पर कोई कर नहीं लगता. इसे अब 40,000 रुपये की नयी मानक कटौती मेंही समाहित कर दिया गया है. स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर में वृद्धि को देखते हुए मानक कटौती से कर बचत काफी कम होने का अनुमान है.

कंपनी कर के संदर्भ में बजट में 250 करोड़ रुपये सालाना कारोबारवाली कंपनियों के लिए कर की दर कम कर 25 प्रतिशत किया गया है. इस बदलाव से पूरे सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों को लाभ होगा. वर्ष2015 में जेटली ने चार साल में कंपनी कर को मौजूदा 30 प्रतिशत से घटाकर25 प्रतिशत करने का वादा किया था. अगले साल होनेवाले आम चुनाव को देखते हुए वित्त वर्ष 2018-19 का बजट राजग सरकार का आखिरी पूर्ण बजट है. अगले साल लेखानुदान पेश किया जायेगा. चुनाव जीतकर आनेवाली नयी सरकार पूर्ण बजट पेश करेगी.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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