नयी दिल्ली : भारत स्विस बैंकों में खाता रखनेवाले संदिग्ध कर चोरों की सूची मुहैया कराने के लिए स्विट्जरलैंड पर दबाव डाल रहा है. इस मामले से जुड़ी 100 से अधिक कंपनियों के साथ कारोबार कर रहे हर शेयर बाजार की गहन जांच चल रही है, ताकि संभावित तौर पर कालेधन का फिर से देश में निवेश करने के मामले का पता लगाया जा सके. जांच में यह भी पता चला है कि स्विट्जर लैंड के बैंक अपने खाताधारकों के पैसे गैर स्विस बैंक के माध्यम से भारत भेजने की भी व्यवस्था कर रहे हैं. पता यह भी चला है कि भारत में दुबई और सिंगापुर के रास्ते भारी मात्रा में कालाधन लाया जा रहा है.
जांच के घेरे में आयी कंपनियों में वे व्यक्ति भी शामिल हैं, जिनका नाम 700 से अधिक स्विस बैंक खाताधारकों की सूची में दर्ज है. इन इकाइयों में कुछ बैंकों के कार्यकारी और सहयोगी भी शामिल हैं, जिनकी स्विट्जरलैंड की शाखाएं जांच के घेरे में हैं. वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि इसके अलावा कुछ बड़ी कंपनियों समेत 10-15 सूचीबद्ध भारतीय कंपनियां सीधे या अप्रत्यक्ष तौर पर इन बैंकों से जुड़ी हैं और बाजार में संभावित गड़बड़ी के लिए उनके भारतीय ग्राहकों पर भर नजर है.
आशंका है कि इनमें से कुछ इकाइयों ने शेयर बाजार के जरिये अपना गैर-कानूनी धन वापस लाया. कुछ विदेशी कोषों के जटिल कोष ढांचों के जरिये यह धन लाया गया, जिनमें कुछ प्रमुख यूरोपीय बैंकों द्वारा पेश कोष भी शामिल हैं. अधिकारी ने कहा कि कुछ बड़े वैश्विक बैंक जांच के घेरे में हैं. हालांकि यह भी संभव है कि बैंकों को अपने ग्राहकों को फायदा पहुंचाने के लिए कार्यकारियों द्वारा अपनाये गये गैरकानूनी तरीकों का पता नहीं हो.
उन्होंने कहा कि ऐसी आशंका है कि इन बैंक कार्यकारियों ने अपने ग्राहकों को अपना धन आखिरकार भारत ले जाने से पहले सिंगापुर, दुबई और लंदन जैसे गैर-स्विस स्थानों में स्थानांतरित करने के लिए राजी किया, ताकि कोषों और स्विट्जरलैंड से जुड़ी इकाइयों पर बढ़ती चौकसी या नियामकीय और जांच एंजेसियों की बढ़ती सजगता से बचाव हो सके.
पहले मध्यस्थ स्थानों के तौर पर मॉरीशस और साइप्रस जैसी जगहों को तरजीह दी जाती थी, लेकिन अब यह जगहें खुद ही भारतीय एजेंसियों की जांच के घेरे में आ गयी हैं. इसलिए बैंक कार्यकारी कुछ नयी जगहों की तलाश कर रहे हैं. जांच के घेरे में आये लोगों, बैंकों या सूचीबद्ध कंपनियों का नाम जाहिर करने से इनकार करते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इनमें सचमुच कुछ बड़े लोगों के नाम हैं. जो इस सूची में शामिल हैं, उनमें सबसे अमीर लोग और सबसे बड़ी कंपनियां शामिल हैं, लेकिन फिलहाल इनके बारे में सूचना जाहिर करने से जांच प्रभावित हो सकती है, जो अभी शुरुआती चरण में है.
यह जांच ऐसे समय में हो रही है, जबकि भारत ने स्विट्जरलैंड द्वारा एचएसबीसी की स्विट्जरलैंड स्थित शाखाओं के भारतीय खाताधारकों के बारे में सूचना मुहैया कराने से इनकार करने पर कड़ी आपत्ति जतायी थी. इस मामले में यहां बड़े साक्ष्य पाये गये हैं. वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने स्विट्जरलैंड को इस संबंध में लिखे तीसरे में पत्र में कहा था कि भारत के आग्रह पर इस यूरोपीय देश का यह कहना कि ये सूचनाएं साझा नहीं की जा सकतीं, अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरुप नहीं है.
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