नयी दिल्ली : जीएसटी को लेकर किसी को भी अगर कोई समस्या हो रही हो तो सरकार ने उसके समाधान के लिए एक हेल्पडेस्क बनाया है. आप अपनी समस्या के बारे में हेल्पडेस्क को एक मेल करते हैं, हेल्पडेस्क उसका समाधान बताता है. जीएसटी को लेकर किसी भी प्रकार की शंका का समाधान भी इसी हेल्पडेस्क को करना है. लोगों के सवाल लगातार हेल्पडेस्क के मेलबॉक्स को भरते रहे.
ऐसे में अब स्थ्िाति से हो गयी है कि हेल्पडेस्क का इनबॉक्स पूरा भर गया है. अब किसी और मेल के लिए जगह नहीं बची है. लोग अपना सवाल हेल्पडेस्क को भेज रहे हैं तो मेल डिलिवर नहीं हो पा रहा है. सरकार ने जीएसटी से लोगों को होने वाली परेशानियों को ध्यान में रखते हुए एक हेल्पडेस्क बनाया है. यह ईमेल helpdesk@gst.gov.in है.
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आज सोमवार को ही माल एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) के चेयरमैन अजय भूषण पाण्डेय ने कहा कि जीएसटीएन पोर्टल की कई दिक्कतों को दूर कर लिया गया है और इसे सुगम बनाने की कोशिशें जारी हैं. पाण्डेय ने एक साक्षात्कार में कहा कि बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता में मंत्रियों का एक समूह हर हफ्ते जीएसटीएन की समीक्षा करता है ताकि यह आश्वस्त किया जा सके कि पोर्टल सुगम तरीके से चल रहा है.
हालांकि उन्होंने हेल्पडेस्क ईमेल के इनबॉक्स फुल होने पर कोइ बात नहीं की. चेयरमैन ने कहा, एक समीक्षा इस बात की होगी कि अब तक क्या किया गया. दूसरी समीक्षा इस बात की होगी कि लोगों को कोई परेशानी नहीं होना सुनिश्चित करने के लिए अगले दो महीने में क्या कदम उठाये जाएं. समूह अन्य संबंधित पक्षों से मिली प्रतिक्रिया भी देखता है तथा सॉफ्टवेयर प्रणाली की दिक्कतों को दूर करता है ताकि पूरा तंत्र सुगम हो.
नयी कर व्यवस्था लागू होने के बाद रिटर्न दाखिल का काम जीएसटीएन के जरिये हो रहा है. इसके जरिये जुलाई के लिए 55 लाख से अधिक तथा अगस्त के लिए 50 लाख रिटर्न दाखिल किये गये हैं. अधिकांश रिटर्न अंतिम दिन दाखिल किये जाते हैं जिससे प्रति घंटे करीब 80 हजार रिटर्न दाखिल होते हैं. हेल्पडेस्क का जिम्मा भी इसी का है. अब अगर इनबॉक्स फुल हो गया है तो ऐसे किसी को हो रही परेशानी का समाधान कैसे होगा.
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