नयी दिल्लीः इंफोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायणमू्र्ति ने कंपनी के सीर्इआे आैर एमडी विशाल सिक्का के इस्तीफे के बाद लगाये गये आरोप पर अपने जवाब में कहा कि इंफोसिस बोर्ड द्वारा लगाये गये आरोपों आैर उसकी भाषा से व्यथित हूं. ऐसे निराधार आक्षेपों का जवाब देना मैं अपनी प्रतिष्ठा के खिलाफ मानता हूं. उन्होंने कहा कि कुछ शेयरधारकों का कहना है कि ऐसी किसी रिपोर्ट पर यकीन नहीं होता, जिसे कुछ आरोपी व्यक्तियों के समूह द्वारा नियुक्त कुछ वकीलों के समूह ने तैयार किया हो और उसमें आरोपियों को क्लीनचिट दी गयी है. मूर्ति ने कहा कि आरोपों का सही तरीके से, सही मंच पर और सही समय पर जवाब दूंगा.
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इस बीच इंफोसिस ने अपनी प्रेस वार्ता में कहा कि विशाल सिक्का ने तीन महीने तक कंपनी को अपनी सेवाएं बतौर कार्यकारी उपाध्यक्ष के तौर पर काम करने को लेकर सहमति जाहिर की गयी है. इस दौरान इंफोसिस प्रबंधन उनकी जगह पर उपयुक्त व्यक्ति की तलाश करेगी. कंपनी की इस प्रेस वार्ता में खुद विशाल सिक्का ने कैलिफॉर्निया से वीडियो लाइव के जरिये शिरकत की.
विशाल सिक्का का इस्तीफा कंपनी बोर्ड की बैठक से ठीक एक दिन पहले आया. बोर्ड की बैठक में इंफोसिस को कंपनी के शेयर्स बायबैक पर अहम फैसला करना था. इस्तीफे की खबर आते ही भारतीय शेयर बाजार पर कंपनी के शेयरों में जोरदार गिरावट देखने को मिली.
इंफोसिस के इस विवाद की जड़ में पूर्व चीफ फाइनेंनशियल ऑफिसर राजीव बंसल को दिया गया हर्जाना भत्ता है. बंसल को कंपनी ने 24 महीने की सैलरी कंपनी छोड़ते वक्त दी थी. इस रकम पर सेबी ने सवाल उठाया था जिसके बाद नारायण मूर्ति समेत अन्य फाउंडर्स ने विशाल सिक्का समेत कुछ शीर्ष अधिकारियों को कंपनी से मिल रही सैलरी और हर्जाने पर सवाल खड़ा कर इंफोसिस बोर्ड के सामने सवाल खड़ा कर दिया था.
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