हमारे देश में पोर्न देखने के प्रति इस हद तक दीवानगी है कि हर तीन में से एक भारतीय मुफ्त वाई-फाई मिलते ही इंटरनेट पर एडल्ट कंटेंट ढूंढने लगता है. एक रिपोर्ट में कुछ ऐसे ही तथ्य सामने आये हैं.
एंटीवायरस बनाने वाली सॉफ्टवेयर कंपनी नॉर्टन ने अपनी वाई-फाई रिस्क रिपोर्ट में कहा है कि अब सेवाओं को चुनने में भी मुफ्त वाई-फाई एक बड़ा मापदंड बनता जा रहा है. ‘नॉर्टन वाई-फाई रिस्क रिपोर्ट 2017’ में मुफ्त वाई-फाई इस्तेमाल करने वालों को लेकर चौंकाने वाली रिपोर्ट पेश की गयी है.
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नॉर्टन के मुताबिक, तीन में से एक भारतीय ने पोर्न कंटेंट देखने के लिए होटलों, हवाई अड्डों, लाइब्रेरी और यहां तक कि ऑफिस जैसी जगहों परमुफ्त वाई-फाई के इस्तेमाल की बात स्वीकारी है.
भारत के अलावा, जापान, मेक्सिको, हॉलैंड, ब्राजील, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों के लोगों पर की गयी इस ग्लोबल स्टडी में 1000 से ज्यादा भारतीयों को शामिल किया गया था.
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रोचक बात यह है कि भारतीय इस तरह के काम में अकेले नहीं हैं. वैश्विक स्तर पर 6 में से एक व्यक्ति ने पोर्न कंटेंट देखने के लिए सार्वजनिक वाई-फाई के इस्तेमाल की बात स्वीकारी.
इस स्टडी की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय जिन जगहों पर सार्वजनिक वाई-फाई के प्रयोग से पोर्न कंटेंट देखते हैं, उसमें होटल (49 प्रतिशत), दोस्त का घर (46 प्रतिशत), कैफे-रेस्तरां (36 प्रतिशत), कार्यस्थल (44 प्रतिशत), सड़क (31 प्रतिशत), बस-ट्रेन स्टेशन (34 प्रतिशत) शामिल हैं.
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