हरदा (मप्र) : GST( गुड्स एन्ड सर्विस टैक्स) को लेकर आज देश में भले ही कोहराम मचा हो लेकिन मध्य प्रदेश के हरदा की रहने वाली नेहा व्यास उपाध्याय ने 4 साल पहले ही इस पर पीएचडी कर चुकी हैं. मध्य प्रदेश में वाणिज्य कर विभाग में डायरेक्टर रह चुके अपने पापा नर्मदा प्रसाद उपाध्याय को अपना आदर्श मानने वाली नेहा उपाध्याय ने वर्ष 2013 में मध्य प्रदेश के खंडवा के जी डी सी के प्रोफेसर प्रताप राव कदम के गाइडेंस में यह शोध कार्य किया.
इसमें उन्होंने कंपनी, जनता और रोजगार से जुड़े नफा-नुकसान के बारे में जानकारी जुटाई थी. प्रोफेसर प्रताप राव कदम बताते हैं की जीएसटी पर यह प्रदेश की संभवत पहली पीएचडी है प्रोफेसर कदम के मुताबिक जीएसटी पर हुई यह पीएचडी मध्यप्रदेश की पहली पीएचडी इसलिए भी है क्योंकि 2009 -10 में जीएसटी पर केन्द्र सरकार को विचार आया जबकि पीएचडी 2013 में पूर्ण हो चुकी थी क्योंकि मैं भी मध्यप्रदेश की इस समिति के सदस्यों के संपर्क में रहा उन्होंने बताया कि यह पीएचडी सौ प्रतिशत मौलिक होने के कारण ही नेहा का चयन आई आई एम अहमदाबाद में फैकल्टी के रूप में हुआ था.
पीएचडी करने वाली नेहा फिलहाल अहमदाबाद में गुजरात यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं. प्रोफैसर कदम बताते हैं कि 6 जुलाई 2009 में यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहे प्रणब मुखर्जी ने जीएसटी को लेकर समिति बनाई थी इसी दौरान मध्यप्रदेश शासन ने भी एक कमेटी बनाई थी इसमें मध्य प्रदेश में वाणिज्य कर ट्रिब्यूनल में सदस्य के रूप में नेहा के पापा नर्मदा प्रसाद उपाध्याय शामिल थे. नेहा ने डी ए वी वी से जीएसटी विषय पर ही पीएचडी करने का फैसला लिया. तथा सेन्टर चुना आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज इंदौर. करीब 2 साल में 344 पेजों की थीसिस पूरी हुई.
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जीएसटी पर हुए शोध में नेहा ने 4 साल पहले ही बता दिया था कि यदि जीएसटी लागू होता है तो कंपनी को क्या नफा नुकसान होगा ,रोजगार कितने बढ़ेंगे ,और विदेशी इन्वेस्टमेंट कितना बढ़ेगा. प्रोफेसर कदम ने बताया कि शोध के मुताबिक 1954 में सबसे पहले फ्रांस में जीएसटी लागू हुई इसके बाद ताइवान, डेनमार्क ,कनाडा सहित विश्व के 150 देशों में यह लागू हो चुका है.
इधर नेहा अपनी इस उपलब्धि का श्रेय मध्य प्रदेश में वाणिज्य कर विभाग के डायरेक्टर रहे अपने पापा नर्मदा प्रसाद उपाध्याय को देती हैं. उन्होंने बताया कि पापा से टैक्सेशन के विषयों पर वह हमेशा सवाल जवाब करा करती थी तभी उनके दिमाग में आया कि इसी पेचीदा विषय पर शोध कार्य करना चाहिए नेहा बताती हैं कि खंडवा के प्रोफेसर डॉ प्रताप राव कदम सर के कुशल मार्गदर्शन एवं मेहनत से उनका यह शोध कार्य पूर्ण हो पाया है.
तीन भाई बहनों में नेहा की बड़ी बहन नम्रता भी पूना में प्रोफेसर है जबकि नेहा के छोटे भाई नमन उपाध्याय हाल ही में 2016 की UPSC से मेरिट लिस्ट में सेलेक्ट होकर भारतीय विदेश सेवा(IFS) में अधिकारी बने हैं.
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