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भारत की बड़ी उपलब्धि, यूनेस्को की हेरिटेज सूची में शामिल हुई कैलाश मानसरोवर यात्रा

नयी दिल्लीःसंयुक्त राष्ट्र के घटक निकाय ने कैलाश मानसरोवर जाने वाले मार्ग और इस पवित्र पर्वतीय क्षेत्र को अपनी वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स की सूची में अस्थायी तौर पर शामिल कर लिया है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के एक अधिकारी ने बताया कि इस विषय पर एएसआई ने यूनेस्को को 15 अप्रैल 2019 को एक प्रस्ताव सौंपा […]

नयी दिल्लीःसंयुक्त राष्ट्र के घटक निकाय ने कैलाश मानसरोवर जाने वाले मार्ग और इस पवित्र पर्वतीय क्षेत्र को अपनी वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स की सूची में अस्थायी तौर पर शामिल कर लिया है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के एक अधिकारी ने बताया कि इस विषय पर एएसआई ने यूनेस्को को 15 अप्रैल 2019 को एक प्रस्ताव सौंपा था. इसके बाद पवित्र एवं प्राचीन मार्ग से जुड़े भू क्षेत्र को यूनेस्को की अंतरिम सूची में शामिल किया गया है. कैलाश मानसरोवर के लिए भारत में कुल यात्रा मार्ग 1433 किलोमीटर का है.

कैलाश यात्रा के लिए भारत में परंपरागत मार्ग ब्रह्मदेव (टनकपुर) से शुरू हो कर सेनापति, चंपावत, रामेश्वर, गंगोलीहाट और पिथौराघाट से लिपुलेख तक जाता है. इस क्षेत्र में अस्कोट वन्यजीव अभयारण्य और जैवमंडल रिजर्व जैसे संरक्षित क्षेत्र आते हैं. इसके अलावा, अनेक हिंदू तीर्थ स्थल और बौद्ध स्थल भी इस मार्ग में आते हैं जो इसे और महत्वपूर्ण बनाते हैं. भारत में करीब 6,836 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र कवर करते हुए कैलाश मानसरोवर का क्षेत्र पूर्व में नेपाल और उत्तर में चीन की सीमा से घिरा हुआ है.

यह भारतीय हिस्सा 31 हजार किलोमीटर के उस वृहद क्षेत्र का हिस्सा है, जिसे चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील के पवित्र कैलाश प्रदेश के तौर पर जाना जाता है.

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