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रांची : सीसीएल वन भूमि पर खनन करना चाहता है, लगी रोक
मनोज सिंह मामला पुरनाडीह व केडीएच में खनन का रांची : सीसीएल पुरनाडीह ओसीपी और केडीएच में वन भूमि पर खनन करना चाहता है. चतरा जिले में पड़नेवाले पुरनाडीह में जिला प्रशासन ने वन भूमि पर खनन करने पर रोक लगा दी है. कुछ इसी तरह की स्थिति केडीएच की है. दोनों प्रोजेक्ट में करीब […]
मनोज सिंह
मामला पुरनाडीह व केडीएच में खनन का
रांची : सीसीएल पुरनाडीह ओसीपी और केडीएच में वन भूमि पर खनन करना चाहता है. चतरा जिले में पड़नेवाले पुरनाडीह में जिला प्रशासन ने वन भूमि पर खनन करने पर रोक लगा दी है. कुछ इसी तरह की स्थिति केडीएच की है. दोनों प्रोजेक्ट में करीब 450 हेक्टेयर वन भूमि पड़ रहा है.
रोक लगाये जाने के बाद सीसीएल ने वन विभाग को जानकारी दी थी कि कंपनी ने कोल बियरिंग एक्ट (सीबीए)-1957 के तहत जमीन का अधिग्रहण किया है. इसमें वन भूमि का मामला नहीं आता है. जिला प्रशासन द्वारा रोक लगाये जाने का मामला अब भारत सरकार के फॉरेस्ट एडवाइजरी कमेटी (एफएसी) के पास चला गया है. इस मामले में सुनवाई भी हुई है. इसमें सीबीए ने राज्य सरकार से जानना चाहा है कि क्या सीबीए के तहत वन भूमि का अधिग्रहण हो सकता है. इसके बाद ही सीसीएल को शर्तों के साथ वन भूमि में खनन की अनुमति देने पर विचार हो सकता है.
राज्य सरकार एफएसी के पास सीसीएल के दो प्रोजेक्ट में वन भूमि के उपयोग को नियमित करने का प्रस्ताव लेकर गयी थी. इसमें पुरनाडीह ओपेन कास्ट प्रोजेक्ट (ओसीपी) का 323.49 हेक्टेयर तथा केडीएच का 126.72 हेक्टेयर भूमि शामिल है. राज्य सरकार एफएसी के पास शर्तों के साथ सीसीएल को वन भूमि के उपयोग की अनुमति देना चाहता है. राज्य सरकार ने सीसीएल पर पूर्व में कई प्रोजेक्ट का पैसा नहीं जमा करने का भी आरोप लगाया है. सीसीएल ने एफएसी को जानकारी दी कि सीबीए में जमीन लेने के बाद फिर से लीज साइन करने का कोई प्रावधान नहीं है.
पुरनाडीह मामले में दोनों पक्ष को सुनने के बाद एफएसी ने यह भी जानना चाहा है कि सीसीएल के इस प्रोजेक्ट का माइनिंग प्लान सक्षम प्राधिकार से स्वीकृत है या नहीं. एफएसी ने राज्य सरकार से यह जानना चाहा है कि क्षतिपूरक वनरोपण के लिए जिस क्षेत्र का प्रस्ताव दिया गया है, वह धार्मिक और पुरातात्विक दृष्टिकोण से कितना महत्वपूर्ण है.
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