सभी ट्रेनों में क्षमता से तीन गुणा यात्री
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दीवाली-छठ छोड़ परदेस के लिए चले मिथिला के मजदूर
सभी ट्रेनों में क्षमता से तीन गुणा यात्री दरभंगा : दरभंगा, अमूमन दीवाली व छठ के मौके पर बाहर रहने वाले बिहार के लोग अपने गांव लौटते हैं. लेकिन, इस साल ठीक इसके उल्टा देखने को मिल रहा. मिथिला के इलाके से हर दिन बड़ी संख्या मजदूर रोजी-रोजगार की तलाश में बाहर जा रहे हैं. […]
दरभंगा : दरभंगा, अमूमन दीवाली व छठ के मौके पर बाहर रहने वाले बिहार के लोग अपने गांव लौटते हैं. लेकिन, इस साल ठीक इसके उल्टा देखने को मिल रहा. मिथिला के इलाके से हर दिन बड़ी संख्या मजदूर रोजी-रोजगार की तलाश में बाहर जा रहे हैं. दरभंगा से खुलने वाली सभी ट्रेनें खचाखच भरी हैं. हालत यह है कि पिछले एक सप्ताह में 40 हजार से अधिक मजदूर परदेस कूच कर गये हैं. ऐसी नौबत तब है जबकि दीपावली व छठ नजदीक है.
अधिकतर मजदूरों का रुख दिल्ली, पंजाब व हरियाणा की ओर है. भीड़ का आलम यह है कि प्लेटफॉर्म पर तिल रखने तक की जगह नहीं है. पूरा बाहरी परिसर यात्रियों से पटा पड़ा है. यार्ड तक में यात्री भरे नजर आ रहे हैं. सर्वाधिक भीड़ हरियाणा व पंजाब के अमृतसर तक जानेवाली जननायक एक्सप्रेस में रहती है. गाड़ी के अमृतसर से आते ही उसमें सवार हो जाते हैं.
सैकड़ों यात्री तो जगह लेने के लिए मुजफ्फरपुर या अन्य स्टेशनों पर आने वाली ट्रेन में ही सवार हो जाते हैं और जंक्शन पर गाड़ी के पहुंचने पर नहीं उतरते. शाम में वापस लौट रही ट्रेन के साथ रवाना हो जाते हैं.मालूम हो कि इस साल पहले तो मिथिला के इलाके ने सुखाड़ झेला और फिर बाढ़ ने सब कुछ बर्बाद कर दिया. इसके बाद भी पछात खेती की किसानों ने हिम्मत दिखायी तो आश्विन में हुई अतिवृष्टि ने इसे लील लिया. मजदूरों को काम मिलना बंद हो गया.
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