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Price पर लगेगी लगाम! निजी तौर पर 1,000 टन प्याज का आयात करा रहे कारोबारी

नयी दिल्ली : देश में प्याज की किल्लत और उसकी बढ़ती कीमत में मानो चोली-दामन का रिश्ता हो गया है. खुदरा बाजारों में उसकी कीमत कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. इस बीच, कभी खबर यह आती है कि प्याज की कीमतों को कम करने के लिए सरकारी और निजी स्तर पर […]

नयी दिल्ली : देश में प्याज की किल्लत और उसकी बढ़ती कीमत में मानो चोली-दामन का रिश्ता हो गया है. खुदरा बाजारों में उसकी कीमत कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. इस बीच, कभी खबर यह आती है कि प्याज की कीमतों को कम करने के लिए सरकारी और निजी स्तर पर कारोबारियों की ओर से इसका आयात कराया जायेगा.

मीडिया की खबरों के अनुसार, प्याज की कीमतों पर काबू पाने के लिए कारोबारियों ने निजी तौर पर करीब एक हजार टन प्याज का आयात कराने के लिए ऑर्डर दिया है. उम्मीद यह की जा रही है कि नवंबर महीने के आखिर तक कम से कम एक हजार टन की खेप भारत पहुंच जायेगी.

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने मंगलवार को उम्मीद जाहिर करते हुए बताया कि इससे प्याज के बाजार की गर्मी शांत करने में मदद मिलेगी. फिलहाल, कई जगह खुदरा बाजार में प्याज 60 रुपये किलो से ऊपर चल रहा है. दिल्ली में एक हफ्ते पहले तक फुटकर में प्याज का भाव 100 रुपये तक पहुंच गया था. हालांकि, सरकार की ओर से अनेक प्रकार के उपाय करने के बाद कीमतों में थोड़ी नरमी आयी है.

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्याज कारोबारियों ने सरकार को बताया कि उन्होंने थोड़ी मात्रा में प्याज का आयात किया है. कारोबारियों को उम्मीद है कि उनके ऑर्डर पर 1,000 टन प्याज इस महीने के अंत तक और कुछ अन्य खेप अगले महीने तक देश में आ जायेगी. प्याज की आपूर्ति बढ़ने से दाम घटने की उम्मीद है. अधिकारी ने कहा कि सरकार की ओर से आयातित प्याज के मामले में आयातित कृषि उत्पाद के धूम्र-उपचार संबंधी नियमों में ढील की समयसीमा को बढ़ाकर 31 दिसंबर करने से प्याज के आयात में आसानी होगी.

उन्होंने बताया कि प्याज की उपलब्धता को बेहतर बनाने और मूल्य पर अंकुश लगाने के लिए सरकार निजी और सार्वजनिक एजेंसियों के माध्यम से प्याज आयात की सुविधा प्रदान कर रही है. सरकार ने सरकारी स्वामित्व वाली व्यापार कंपनी एमएमटीसी के जरिए एक लाख टन प्याज का आयात करने का फैसला किया है.

एमएमटीसी ने हाल ही में 4,000 टन प्याज के आयात के लिए बोलियां अमंत्रित की थीं. उल्लेखनीय है कि बाढ़ और सूखे की वजह से इस साल खरीफ (गर्मी) के मौसम में प्याज उत्पादन में 30-40 फीसदी की गिरावट आने का अनुमान है, जिससे प्याज के दाम बढ़े हुए हैं.

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