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विस चुनाव : प्रभात खबर से विशेष बातचीत में बोले भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, झारखंड में भय, भूख और भ्रष्टाचार हावी

झारखंड में भाजपा और महागठबंधन के अलावा तीसरी ताकत के तौर पर वामपंथी दल चुनाव मैदान में हैं. वामपंथी दल महागठबंधन की सरकार बनने के प्रति आश्वस्त हैं. इनका मानना है कि भाजपा सरकार की जल, जंगल और जमीन की जनविरोधी नीतियों के कारण आम लोगों में नाराजगी है. राज्य में भय, भूख और भ्रष्टाचार […]

झारखंड में भाजपा और महागठबंधन के अलावा तीसरी ताकत के तौर पर वामपंथी दल चुनाव मैदान में हैं. वामपंथी दल महागठबंधन की सरकार बनने के प्रति आश्वस्त हैं. इनका मानना है कि भाजपा सरकार की जल, जंगल और जमीन की जनविरोधी नीतियों के कारण आम लोगों में नाराजगी है. राज्य में भय, भूख और भ्रष्टाचार का बोलबाला है और ऐसे में भाजपा को सत्ता में आने से रोकना वामपंथी दलों की प्राथमिकता है. सरकार की नीतियों, धर्म परिवर्तन, एनआरसी, सीएनटी, पत्थलगड़ी सहित कई मुद्दों पर भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य से प्रभात खबर के दिल्ली ब्यूरो प्रमुखअंजनी कुमार सिंह और प्रमुख संवाददाताविनय तिवारी के साथ हुई बातचीत के प्रमुख अंश.
माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य कहते हैं कि झारखंड विधानसभा का चुनाव आम जनता के लिए एक मौका लेकर आया है. पिछले पांच साल में सरकार की नीतियों के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है. राज्य को बने 19 साल हो गये, लेकिन लोगों की उम्मीद और सपने पूरे नहीं हुए़ पिछले पांच साल में रघुवर सरकार के दौरान भाजपा ने भय, भूख और भ्रष्टाचार मिटाने का नारा दिया था, लेकिन आज राज्य में वही सब दिख रहा है. प्रभात खबर के साथ बातचीत में माले महासचिव ने कहा कि हमारा बुनियादी एजेंडा जल, जंगल, जमीन है.
झारखंड की जनता देश में सबसे गरीब और शोषित है. यह पलायन, विस्थापन और बेरोजगारी की मार झेल रही है. पिछले पांच साल में 30 मॉब लिंचिंग की घटनाएं हुईं, 24 लोगों की भूख से मौत हुई. इन मुद्दों को लेकर सिर्फ हमारी पार्टी और वामपंथी दल अकेले नहीं लड़ सकते हैं. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा झारखंड की जनता को समझाना चाहती है, लेकिन वह पहले अपने नेता को तो समझा ले.
महेंद्र सिंह के जमाने से माले का विधानसभा में जो रिकॉर्ड रहा है भ्रष्टाचार के खिलाफ वह सभी लोग जानते हैं. सरकार के अंदर, बाहर और माफिया के खिलाफ बिना भय के माले की लड़ने की ताकत रही है. सरकार सीएनटी और एसपीटी एक्ट को कमजोर करना चाहती थी . लेकिन विरोध के कारण ऐसा नहीं हो पाया. माले नेता ने कहा कि झारखंड में संविधान की पांचवी अनुसूची लागू है. सरकार ने इसे ही खत्म करने का प्रयास किया. आदिवासियों के लिए पत्थलगड़ी पुरानी और परंपरागत पहचान का हिस्सा रही है. इसको लेकर भ्रम फैलाने का काम किया गया कि आदिवासी संविधान के खिलाफ है.
नक्सली समस्या पर श्री भट्टाचार्य ने कहा कि माओवाद का हौवा खड़ा किया जा रहा है. यह सरकार की साजिश है, लोकतंत्र को दबाने के लिए और जनता को भ्रमित करने के लिए. वामपंथ के कमजोर होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पुराने वामपंथी दल कमजोर हुए हैं, तो माले ने उसे भरने की कोशिश की है. धर्म परिवर्तन कानून और एनआरसी पर श्री भट्टाचार्य ने कहा कि यह भाजपा की साजिश है. धर्म परिवर्तन करने की छूट संविधान के तहत लोगों को मिली हुई है.

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