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शौच की सोच सिहर जाते हैं लोग, जुगाड़ तकनीक के इस्तेमाल से होता है फील-गुड

मुंगेर : यदि आप अपने परिवार के साथ बाजार करने निकले हैं और अचानक बाजार में आपको शौच की अनुभूति हो, तो कुछ पल के लिए आपके पसीने छूटने लगेंगे. आपको शौच निवृत्ति के लिए इधर-उधर भटकना पड़ सकता है. साथ ही लघु शंका के लिए भी शहर में ढूंढ़े पर भी जगह नहीं मिलेगी. […]

मुंगेर : यदि आप अपने परिवार के साथ बाजार करने निकले हैं और अचानक बाजार में आपको शौच की अनुभूति हो, तो कुछ पल के लिए आपके पसीने छूटने लगेंगे. आपको शौच निवृत्ति के लिए इधर-उधर भटकना पड़ सकता है. साथ ही लघु शंका के लिए भी शहर में ढूंढ़े पर भी जगह नहीं मिलेगी.

आपको दीवारों और गलियों का सहारा ही लेना पड़ेगा. जुगाड़ तकनीक के इस्तेमाल से ही लोगों को फील-गुड महसूस हो सकता है. कुछ ऐसा ही हाल है हमारे एेतिहासिक और योग नगरी के रूप में मशहूर मुंगेर शहर का. क्योंकि इस शहर के बाजार में यूरिनल तक की व्यवस्था नहीं है.
शहर के गली मोहल्लों में सार्वजनिक शौचालय की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. खासकर बाजारों में तो स्थिति और भी दयनीय है. लघु शंका के लिए शहर में ढूंढे पर भी जगह नहीं मिल रही है. इसे लेकर लोग परेशान हैं. खास कर शहर के बाजार व भीड़ वाले इलाके में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. शौच/लघु शंका लगने पर उन्हें शहरी इलाके से बाहर जाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचता है.
पुरुष तो किसी तरह गली ढूंढ़ कर अपना काम चला ले रहे हैं. परंतु सबसे अधिक परेशानी महिलाओं को हो रही है. इस समस्या से लोगों को निजात दिलाने के लिए नगर निगम के पास कोई योजना नहीं है. यही वजह है कि वर्तमान में शहर में एक भी मूत्रालय तक नहीं दिखायी पड़ता है. जबकि मुंगेर बाजार में प्रति-दिन हजार लोगों को आना-जाना लगा रहता है.
बाजार में नहीं है यूरिनल की कोई व्यवस्था: मुंगेर शहर का बाजार काफी विस्तृत है. पूरबसराय गोशाला मोड़ से बाजार प्रारंभ होता है. दूसरा छोड़ कोणार्क मोड़ से बाजार का प्रारंभ होता है. तीसरा छोड़ शास्त्रीनगर अंबे चौक से बाजार प्रारंभ होता है. जिसका व्यापक क्षेत्र है.
बड़ी बाजार, नीलम रोड़, गुलजार पोखर, तोपखाना बाजार, श्रवण बाजार, फल मंडी, कोतवाली के सामने सब्जी मंडी, बेकापुर, जुबलीबेल चौक, गांधी चौक, शादीपुर, कौड़ा मैदान, शीतला स्थान, राजीव गांधी चौक, चौक बाजार, आजाद चौक, किताब गली, लोहापट्टी, पसराहा पट्टी सहित दर्जनों स्थान मुख्य स्थान में शामिल है. इन बाजार में रोजाना लगभग 10 हजार लोगों का आना-जाना लगा रहता है. दूर गांव से भी लोग सामान की खरीदारी करने आते है. लेकिन इस दौरान अगर उन्हें शौच यह पेशाब महसूस हो जाये तो लोग आसमान को निहारने लगते हैं.
शहर में बना शौचालय भी नहीं पहुंचा पा रहा राहत
मुंगेर. नगर निगम द्वारा बाजार आने वाले लोगों के लिए शौच सुविधा मुहैया कराने के लिए बाजार में चार शौचालय की व्यवस्था किया गया है. इसी में महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग रूम बना हुआ है. लेकिन यह शौचालय भी लोगों को राहत नहीं पहुंचा पा रही है.
क्योंकि कहीं शौचालय में ताला लटका हुआ है तो कहीं शौचालय जर्जर है. वर्तमान में चारों शौचालय बेकार पड़ा हुआ है. अस्पताल रोड सीताकुंड वाहन पड़ाव के समीप एक शौचालय बना हुआ है. जो पुरी तरह से जर्जर है. जिसमें लोग शौच करने नहीं जाना चाहते हैं. जबकि किला के मुख्य द्वार के समीप बने शौचालय को तोड़ कर नया शौचालय भवन का निर्माण कराया जा रहा है.
कहती हैं मेयर: मेयर रूमा राज ने कहा कि निगम बोर्ड की बैठक में बाजार में यूरिनल बनाने के लिए प्रस्ताव पारित हो चुका है. लेकिन शहर में यूरिनल बनाने के लिए जगह ही नहीं मिल रहा है. निगम प्रशासन शहर के मुख्य बाजार में महिला एवं पुरुष यूरिनल बनाने के लिए जगह को चिह्नित कर रही है. जैसे ही जगह मिलेगी वैसे ही वहां यूरिनल बनाने का काम शुरू हो जायेगा.

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