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लॉकडाउन के बीच जेपीएससी में सफलता की खुशी, गुमला के सात छात्रों ने लहराया परचम

कोरोना महामारी के बीच लॉकडाउन से परेशान उन घरों में बुधवार को खुशी देखी गयी, जिन घरों के बच्चों ने जेपीएससी की परीक्षा पास की.

कोरोना महामारी के बीच लॉकडाउन से परेशान उन घरों में बुधवार को खुशी देखी गयी, जिन घरों के बच्चों ने जेपीएससी की परीक्षा पास की. छात्रों ने परीक्षा पास कर परिवार के साथ गुमला जिले का भी मान सम्मान बढ़ाया है. जिले से सात छात्र सफल हुए हैं. सफलता प्राप्त करने वालों में तीन बेटा व चार बेटियां हैं. लॉकडाउन के बीच घरों में खुशियां मनी लेकिन घर में जो भी मीठा पदार्थ गुड़, चीनी था उसे ही खिलाकर परिवार के लोगों ने एक दूसरे को बधाई दी.

सरना टोली का छात्र दीपक हुआ सफल

गुमला शहर के सरना टोली निवासी सुरसांग भगत के पुत्र दीपक मिंज ने जेपीएससी की परीक्षा पास कर ली है. दीपक के पिता श्री भगत गुमला डीसी कार्यालय में कलर्क हैं. दीपक गुमला के संत पात्रिक हाई स्कूल से मैट्रिक परीक्षा पास की थी. वह 2009 में मैट्रिक का टॉपर था. उसने इंटर की पढ़ाई संत जेवियर कॉलेज रांची व बीटेक बीआईटी सिंदरी से पास की है. दीपक की सफलता से संत पात्रिक स्कूल के अलावा गुमला के लोग काफी खुश हैं. कई लोगों ने दीपक की सफलता पर बधाई दी है. दीपक ने कहा कि उसने पहली ही बार में जेपीएससी की परीक्षा पास कर ली. वह परीक्षा की तैयारी पूरी लगन के साथ किया था और जो भी समय मिला उस समय का उन्होंने सदुपयोग किया. जिसका परिणाम है कि आज वह जेपीएससी में सफल हुआ है. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय परिवार के सदस्यों के अलावा संत पात्रिक स्कूल गुमला के एचएम फादर रामू भिंसेंट मिंज को दिया है. जिनके मार्गदर्शन से वह लगातार आगे बढ़ते रहा है. इधर, जैसे ही दीपक की सफलता की सूचना मिली फादर रामू भिंसेंट ने भी उन्हें बधाई दी है. उन्होंने कहा कि दीपक होनहार छात्र था और इस वजह से उससे उम्मीद थी कि वह आगे बढ़ेगा.

सेवानिवृत जनसेवक की बेटी बनेगी बीडीओ

झारखंड प्रशासनिक सेवा में उतीर्ण होकर प्रखंड के चेड़ा निवासी कुमारी शीला उरांव ने पहली महिला बीडीओ बनकर प्रखंडवासियों और परिजनों को गौरवान्वित किया है. चेड़ा गांव निवासी लितनगु उरांव की बेटी है. वह तीसरी बार में झारखंड प्रशासनिक सेवा परीक्षा में सफल हुई है. इस संबंध में शीला के पिता लितनगु उरांव ने बताया कि उसकी बेटी चौथी जेपीएससी से परीक्षा देना प्रारंभ की थी परंतु वह हर बार इंटरव्यू में जाकर छंट जाती थी. लेकिन उसने हार नहीं मानी. इस बार उसने छठी जेपीएससी में सफलता प्राप्त कर अपना मुकाम हासिल कर ली. उन्होंने कहा कि मैं सेवानिवृत जनसेवक हूं. जब धनबाद में था, तभी शीला की प्रारंभिक शिक्षा धनबाद में हुई, जिसके बाद वह उच्च शिक्षा की पढ़ाई के लिए कॉन्वेट गुमला से गयी. जिसके बाद वो स्नातक की पढ़ाई वूमेंस कॉलेज रांची से पूरी की. शीला के उर्तीण होने से पूरे परिवार में खुशी का माहौल है. साथ ही उन्होंने अन्य विद्यार्थियों से भी अपील की कि वे सभी लक्ष्य बनाकर परिश्रम करें, सफलता अवश्य मिलेगी. शीला ने बताया कि रिजल्ट आने पर भी मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि मैं जेपीएससी की परीक्षा पास कर गयी हूं. उन्होंने सफलता का श्रेय अपने माता पिता, गुरुजनों व परिवारजनों को दिया है. उन्होंने कहा मेरे पिता हमेशा कहते थे कि जो गिरता और उठकर चलता है वह एक दिन सफल जरूर होता है. उनके इस प्रेरणा का ही परिणाम था कि मैंने कभी हार नहीं मानी.

रोजगार सेवक ने जेपीएससी में मारी बाजी

पालकोट प्रखंड के पेटसेरा गांव के युवक अभिषेक बड़ाइक झारखंड लोक सेवा आयोग के छठवीं जेपीएससी परीक्षा पास की है. अभिषेक शिक्षा विभाग के डीइओ के पद पर योगदान देगा. अभिषेक की प्रारंभिक शिक्षा विवेकानंद सरस्वती विद्या मंदिर लचरागढ़ से हुई है.उसने वर्ष 2000 में मैट्रिक की परीक्षा पास की. 2002 में इंटर की परीक्षा बागे महाविद्यालय कोलेबिरा से पास की. साथ ही बीए की पढ़ाई केओ कॉलेज गुमला से 2005 में पूरी की. उसके बाद इंदिरा गांधी मुक्त विवि से एमए परीक्षा पास की. वर्ष 2017 को प्रखंड के उमड़ा पंचायत के रोजगार सेवक का नौकरी कर रहा था. अभिषेक को बीडीओ शंकर एक्का ने बधाई दी और साथ ही मेहनत व ईमानदारी के साथ अपने विभाग में काम करने की अपील की.

मिताली हुई सफल, वित्त सेवा हेतु हुआ चयन

गुमला शहर के शास्त्री नगर निवासी सन्यासी मेटे की पुत्री मिताली मेटे ने छठी जेपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की है. परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद मिताली का चयन वित्त सेवा के लिए हुआ है. मिताली अपने इस सफलता का श्रेय अपने पिता सन्यासी मेटे, माता आलोका रानी मेटे व अपने गुरूजनों को दी है. मिताली ने बताया कि वह अपने स्कूल समय से ही सिविल सेवा में योगदान देने का सपना देखती रही है. अब जाकर वह सपना सच हुआ और छठी जेपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वित्त सेवा के क्षेत्र में सेवा देने का अवसर मिला है. मिताली ने बताया कि हर कोई अपने सपने को सच कर सकता है. जरूरत है तो बस मन लगाकर तैयारी करने की. मिताली ने बताया कि इससे पहले भी परिवार से ही राजा मेटे परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद डीएसपी बन चुके हैं. वहीं शिक्षक अमृत मेटे राष्ट्रपति पुरस्कार से नवाजे गए हैं. मिताली की सफलता पर उनके माता-पिता ने भी खुशी प्रकट की है. माता-पिता ने कहा कि बेटी ने घर-परिवार का नाम रोशन करने का काम की है. वहीं मिताली के सफल होने पर वार्ड पार्षद हेमलता देवी, चंद्रलेखा देवी सहित कई लोगों ने बधाई दी है.

घाघरा प्रखंड की दो बेटी व एक बेटा सफल

घाघरा प्रखंड की दो बेटी व एक बेटा छठी जेपीएससी में सफलता प्राप्त कर घाघरा प्रखंड का नाम रोशन किया है. सफलता प्राप्त करने वालों में शीतल कुमारी, नूपुर बड़ाईक व पंकज कुमार है. बैजनाथ राम की बेटी शीतल कुमारी ने मैट्रिक एसएस हाई स्कूल घाघरा, इंटर व बीए टाना भगत कॉलेज घाघरा, बीएड बीएचयू, एमए इग्नू से की है. उन्होंने बताया कि यह इनका चौथा प्रयास था जिसमें इन्हें सफलता मिली. इससे पूर्व भी शीतल तीन बार इंटरव्यू तक सफर कर चुकी थी. शीतल ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता भाई-बहन को दिया है. वह वर्तमान में कामडारा प्रखंड के हांफू प्लस टू विद्यालय की शिक्षिका है. घाघरा की दूसरी सफल विद्यार्थी स्वर्गीय डॉक्टर संजीवन बढ़ाई की बेटी नुपूर बड़ाईक है. वह प्लस टू एसएस हाई स्कूल घाघरा से मैट्रिक, टाना भगत महाविद्यालय घाघरा से इंटर व बीए की पढ़ाई की. जिसके बाद सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में लग गयी. नूपुर ने अपनी सफलता का श्रेय मां एवं परिवार के सदस्य और अपने शिक्षकों को दी है. घाघरा का तीसरा छात्र पंकज कुमार है. जो अपने ग्रेजुएशन के बाद सिविल सेवा की तैयारी में लग चुका था. इसे प्रशासनिक सेवा प्राप्त हुआ है.

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