Jharkhand news, Ranchi news : रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार (18 अगस्त, 2020) को 6 ग्रिड सब स्टेशन और ट्रांसमिशन लाइन का ऑनलाइन उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति की दिशा में झारखंड ने आज एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. यह राज्य के विकास में मील का पत्थर साबित होगा. उन्होंने कहा कि गिरिडीह, जमुआ और सरिया में ग्रिड सब स्टेशन एवं संबंद्ध ट्रांसमिशन लाइन के चालू होने से गिरिडीह जिले में बिजली आपूर्ति के लिए डीवीसी पर निर्भरता नहीं रहेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट में इन 6 बिजली परियोजनाओं का कार्य पूरा कर उसे शुरू करना एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन सरकार की संकल्पशीलता ने यह संभव कर दिखाया. उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के शुरू होने से बिजली आपूर्ति के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बदलाव होगा. दूसरों पर बिजली के लिए निर्भरता कम होगी और हम ग्रामीण इलाकों से लेकर उद्योग-धंधों को बिजली आपूर्ति करने में सक्षम होंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बिजली मानव जीवन का अहम हिस्सा बन चुकी है. बिजली के बिना किसी विकास परियोजना की कल्पना नहीं की जा सकती है. घरेलू कामकाज से लेकर उद्योग धंधों के संचालन में बिजली की महत्ता से हम सभी वाकिफ हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि गांव-गांव बिजली पहुंचे और घर-घर रौशन हो, इसी संकल्प के साथ बिजली परियोजनाओं के काम की गति तेज की गयी है.
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श्री सोरेन ने कहा कि इन 6 बिजली परियोजनाओं के शुरू होने से निर्बाध बिजली आपूर्ति की दिशा में यह बड़ा कदम है. गढ़वा में जहां बिजली के लिए दूसरे राज्य से आपूर्ति पर निर्भरता थी, वहीं अब भागोडीह ग्रिड सब स्टेशन और संचरण लाइन (Transmission line) शुरू होने से इससे निजात मिल गयी है. वहीं, जसीडीह ग्रिड सब स्टेशन के चालू होने से देवघर में निर्बाध बिजली आपूर्ति हो सकेगी. इसके साथ ही यहां एम्स और एयरपोर्ट का निर्माण कार्य भी हो रहा है. इससे देवघर में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.
गिरिडीह, जमुआ और सरिया में ग्रिड सब स्टेशन एवं संबंद्ध ट्रांसमिशन लाइन के चालू होने से गिरिडीह जिले में बिजली आपूर्ति के लिए डीवीसी पर निर्भरता नहीं रहेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि डीवीसी उद्योग धंधों को बिजली देने में आगे रहती है, लेकिन झारखंड के ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति को लेकर अलग रवैया अपनाती है. लेकिन, अब इससे छुटकारा मिल गया है. इतना ही नहीं, जहां डीवीसी से 5 रुपये प्रति यूनिट बिजली लेनी पड़ती थी, वहीं अब इसकी दर मात्र 3 रुपये प्रति यूनिट आयेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट न सिर्फ झारखंड बल्कि पूरी दुनिया के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है. लेकिन, इस आपदा से निपटने में हम सक्षम हैं. हमारी सरकार को राज्य के सवा तीन करोड़ लोगों की चिंता है. हर घटना पर हमारी नजर बनी हुई है. जांच में तेजी लायी गयी है और स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में लगातार प्रयास किये जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी (Coronavirus Pandemic) और लॉकडाउन (Lockdown in Jharkhand) के दौरान सरकार ने मुफ्त में अनाज के साथ भोजन वितरण का कार्य बड़े पैमाने पर किया. इसी का नतीजा है कि हमारे राज्य में भूख से मौत नहीं हुई. कोरोना के बढ़ रहे मामले से निपटना कड़ी चुनौती जरूर है, लेकिन हतोत्साहित नहीं हैं. लोगों की जान बचाना और भूख से कोई मौत नहीं हो, इसके लिए सरकार ने सभी पुख्ता इंतजाम किये हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अब कोरोना जंग से भी लड़ना है और व्यवस्था भी चलानी है.
220/ 132 केवी ग्रिड सब स्टेशन, भागोडीह, गढ़वा एवं 220 केवी डाल्टेनगंज- गढ़वा ट्रांसमिशन लाइन : गढ़वा के भागोडीह में नवनिर्मित ग्रिड की क्षमता 300 एमवीए की है, जबकि डाल्टेनगंज- गढ़वा संचरण लाइन (Transmission line) की लंबाई 91 किलोमीटर है. इस परियोजना की कुल लागत 123 करोड़ रुपये है और इससे पूरे गढ़वा जिला में बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी. इस ग्रिड के चालू होने से रेहला ग्रिड डाल्टनगंज स्थित राष्ट्रीय ग्रिड से जुड़ गया है और मांग के अनुरूप विद्युत आपूर्ति की जा सकेगी.
220/132/33 केवी ग्रिड सब स्टेशन, जसीडीह एवं 220 केवी दुमका-जसीडीह ट्रांसमिशन लाइन : इस ग्रिड और ट्रांसमिशन लाइन के चालू होने से संपूर्ण देवघर और गिरिडीह जिले में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हो गयी है. जसीडीह ग्रिड की कुल क्षमता 400 एमवीए है, जबकि ट्रांसमिशन लाइन की लंबाई 74.3 किलोमीटर है और इसकी कुल लागत 137 करोड़ रुपये आयी है.
220/132/33 केवी ग्रिड सब स्टेशन, गिरिडीह एवं 220 केवी जसीडीह- गिरिडीह ट्रांसमिशन लाइन : गिरिडीह में नवनिर्मित ग्रिड की क्षमता 400 एमवीए है और जसीडीह- गिरिडीह ट्रांसमिशन लाइन की कुल लंबाई 77 किलोमीटर है. इसके चालू होने से पूरे गिरिडीह जिले और कोडरमा जिले के आंशिक क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति होगी. इसका सबसे बड़ा फायदा है कि डीवीसी पर निर्भरता कम होने के साथ बिजली दर में भी कमी आयेगी. इस परियोजना पर कुल 146.50 करोड़ की लागत आयी है.
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साहिबगंज में गंगा नदी के कटाव से जितनगर के अस्तित्व पर संकट, ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ीं220 केवी दुमका- गोड्डा ट्रांसमिशन लाइन : 57 करोड़ रुपये की लागत से 220 केवीए दुमका- गोड्डा ट्रांसमिश्न लाइन का निर्माण हुआ है. इस लाइन की लंबाई 71 किलोमीटर है. इसके चालू होने से संपूर्ण गोड्डा जिले में गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हो गयी है.
132/33 केवी ग्रिड सब स्टेशन, जमुआ, गिरिडीह एवं 132 केवी गिरिडीह- जमुआ ट्रांसमिशन लाइन : जमुआ स्थित ग्रिड सब स्टेशन के चालू होने से गिरिडीह जिले के जमुआ, राजधनवार, तिसरी, गांवा और देवरी प्रखंडों में गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हो गयी है. इस ग्रिड़ की कुल क्षमता 100 एमवीए है और ट्रांसमिशन लाइन की कुल लंबाई 23 किलोमीटर है. परियोजना पर 72.50 करोड़ रुपये की लागत आयी है.
132/33 केवी ग्रिड सब स्टेशन, सरिया एवं 132 केवी गिरिडीह- सरिया ट्रांसमिशन लाइन : सरिया ग्रिड सब स्टेशन की कुल क्षमता 100 एमवीए है और गिरिडीह-सरिया ट्रांसमिशन लाइन की कुल लंबाई 42 किलोमीटर है. इस परियोजना की कुल लागत 80 करोड़ रुपये है. इसके चालू होने से गिरिडीह जिले के सरिया, बगोदर, डुमरी और बिरनी प्रखंड में गुणवत्तायुक्त बिजली आपूर्ति संभव हो गयी है.
इस मौके पर मंत्री रामेश्वर उरांव, चंपई सोरेन, आलमगीर आलम, सत्यानंद भोक्ता, बादल पत्रलेख, विधायक सुदिव्य कुमार, सरफराज अहमद, रांची नगर निगम की महापौर आशा लकड़ा, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव सह अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक, झारखंड ऊर्जा वितरण निगम लिमिटेड एल खियांग्ते, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.
Posted By : Samir Ranjan.