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रांची में लॉकडाउन के दौरान बिरसा जैविक उद्यान में बढ़े जानवर, प्रबंधन ने सेंट्रल जू अथॉरिटी से की ये बड़ी मांग

लॉकडाउन के दौरान बिरसा जैविक उद्यान में जानवरों की संख्या बढ़ गयी है. कई जानवरों की संख्या में तो इतनी वृद्धि हुई है कि उन्हें रखने के लिए जगह नहीं है.

रांची : लॉकडाउन के दौरान भगवान बिरसा जैविक उद्यान में अच्छी ब्रीडिंग होने से जानवरों की संख्या बढ़ गयी है. कई जानवरों की संख्या केज या रखने की क्षमता से ज्यादा हो गयी है.जैविक उद्यान में जानवरों की संख्या और अन्य संसाधनों के विकसित होने के बाद प्रबंधन ने सेंट्रल जू अथॉरिटी से बड़े जू का दर्जा देने की मांग की है. अभी यह मध्यम दर्जे के जू के रूप में चिह्नित है. बड़ा जू का दर्जा मिलने के बाद इसकी सुविधा भी बढ़ जायेगी.

सेंट्रल जू अथॉरिटी की ओर से मदद भी बढ़ जायेगी. लॉकडाउन में बिरसा जैविक उद्यान में आम लोगों का प्रवेश बंद हो गया था, जिससे पशु-पक्षियों को जंगल जैसा माहौल मिला. इसमें जानवरों ने खूब ब्रीडिंग की. अब जानवरों की संख्या बढ़ने से इनके रख-रखाव में जू प्रबंधन को परेशानी हो रही है. संख्या ज्यादा होने के कारण हाल में ही ऑस्ट्रिच का एक बैच विलासपुर भेजा गया है.

क्षमता से अधिक हुए कई जानवर :

जू में साहिल की संख्या 30 से अधिक हो गयी है. यहां 15 के आसपास ही साहिल रखने की क्षमता है. इसी तरह ब्लैक बक की संख्या भी 56 हो गयी है, लेकिन यहां रखने की क्षमता 30 ही है. चीतल 350 हो गये हैं, जबकि रखने की क्षमता 250 की ही है. सफेद मृग 35 हो गये हैं और मोर 40 हो गये हैं, जबकि जू में इन दोनों के रखने की क्षमता 25 ही है. स्पॉटेड डियर और ऑस्ट्रिच की संख्या भी बढ़ गयी है. जू के पशु चिकित्सक डॉ ओपी साहु ने बताया कि संख्या बढ़ने के बाद कई जानवरों के रखने का क्षेत्र बढ़ाया गया है. उनकी सुविधा के अनुकूल प्रवास देने का प्रयास हो रहा है.

Posted By : Sameer Oraon

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