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SC-ST एक्ट के आरोपी को पुलिस ने भेजा जेल, तो थाने में धरने पर बैठे BJP विधायक, अधिकारियों में हड़कंप

up police news: घटना के बाद बारा विधायक घूरपुर थाने पहुंचे और पुलिस पर युवक को फर्जी तरीके से जेल भेजने का आरोप लगा, धरने पर बैठ गए. और थानाध्यक्ष के निलंबन की मांग करने लगे.

प्रयागराज जिले के घूरपुर थाना पुलिस द्वारा एक आरोपी को जेल भेजने के विरोध में बारा से भाजपा विधायक डॉ. अजय कुमार पुलिस की कार्रवाई को द्वेष पूर्ण बता कर समर्थकों के साथ थाना में ही धरने पर बैठ गए. विधायक का आरोप है कि पुलिस ने युवक को फर्जी तरह से जेल भेज दिया है. जबकि इंस्पेक्टर घूरपुर का कहना है कि जेल भेजे गए युवक पर एससीएसटी समेत करीब चार मुकदमे दर्ज है. हालांकि, इस संबंध में एसपी यमुनापार सौरभ दिक्षित द्वारा जांच के आश्वासन के बाद विधायक ने करीब डेढ़ घंटे बाद धरना समाप्त कर दिया.

बता दें कि घूरपुर पुलिस ने बुधवार को उमरी गांव निवासी देवकृष्ण द्विवेदी को जेल भेज दिया था. इस संबंध ने घूरपुर इंस्पेक्टर ने बताया की आरोपी दलित उत्पीड़न के साथ ही वह आशीष पांडेय नामक युवक को घर बुलाकर बंधक बनाकर मारपीट करने मामले में वह वांछित चल रहा था. इस संबंध में ग्यारह नवंबर को उसके खिलाफ मुकदमा लिखा गया था. इसी संबंध में उसके उसे गिरफ्तार किया गया तो पुलिस को उसके पास से कट्टा बरामद हुआ. जिसके बाद कारवाई करते हुए उसे जेल भेज दिया गया.

युवक को जेल भेजने के बाद विधायक धरने पर- पुलिस द्वारा आरोपित देव कृष्ण द्विवेदी को जेल भेजे जाने के बाद करीबियों ने बारा विधायक को मामले की जानकारी दी. जिसके बाद शाम पांच बजे के करीब बारा विधायक घूरपुर थाने पहुंचे और पुलिस पर युवक को फर्जी तरीके से जेल भेजने का आरोप लगा, धरने पर बैठ गए. और थानाध्यक्ष के निलंबन की मांग करने लगे.

सत्ता पक्ष के विधायक के थाने में ही धरने पर बैठने की खबर अधिकारियों तक पहुंची तो हड़कंप मच गया. आननफानन में एसपी यमुनापार भी मौके पर पहुंच गए. एसपी यमुनापार सौरभ दीक्षित द्वारा मामले की जांच के आश्वासन के बाद विधायक शांत हुए और धरना स्थगित किया.

आप को बता दें कि कुछ दिन पहले स्थानीय निवासी आशीष पांडेय का एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें आशीष का हाथ-पैर बांध कर उसके बगल में एक कट्टा रखा गया था. जिसके संबंध में आशीष ने बताया की 11 नवंबर को देव कृष्ण द्विवेदी ने उन्हें अपने घर बुलाया था. उनसे उनकी पुरानी जान पहचान है. हमारे चाचा से उनका कुछ विवाद हुआ था. लेकिन चाचा के विवाद को नज़र अंदाज़ कर जब वह उनके घर पहुंचे तो पहले उनसे उनकी गाड़ी की चाभी मांगी गई फिर मोबाइल. बाद में बांध कर मारा पीटा गया. इसके बाद पास में तमंचा रख झूंठा फंसाने की धमकी दी गई. जिस संबंध में उसने घूरपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था.

घूरपुर पुलिस ने जेल भेजे गए युवक को पूर्व में दर्ज एससीएसटी व युवक को बंधक बनाने के मामले में गिरफ्तारी दिखाई है. साथ ही पुलिस का दावा है की गिरफ्तारी के दौरान आरोपी युवक के पास से कट्टा भी बरामद हुआ था. जबकि बारा विधायक का कहना है की पुलिस ने युवक को फर्जी तरीके से फंसाया है. हालांकि, अब इस संबंध में एसपी यमुनापार ने एकबार फिर जांच की बात कही है.

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इनपुट : एसके इलाहाबादी

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