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International Yoga Day 2022: शारीरिक थकान के साथ मानसिक तनाव भी दूर करते हैं शवासन, मकरासन समेत ये 5 योग

International Yoga Day 2022: 21 जून को इंटरनेशनल योग दिवस मनाया जा रहा है. विभिन्न योग क्रिया के अभ्यास से शारीरिक थकान के साथ-साथ मानसिक तनाव भी दूर होता है. स्वयं और परिवार के स्वास्थ्य को ठीक रखने में इन योग क्रियाओं से अन्य कई लाभ भी मिलेंगे. जानें 5 ऐसे ही योग क्रियाओं के बारे में.

International Yoga Day 2022: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जा रहा है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य विश्वभर के लोगों को योग आसनों के फायदों के बारे में जागरूक करना है. कोरोना महामारी के प्रकोप के दौरान भी योग आसनाें की मदद से लोगाें ने खुद को शारीरिक ही नहीं मानसिक रूप से भी मजुबत किया और योग का लोहा दुनिया भर ने माना. योग एक्सपर्ट अर्चना सिंह से जानें कुछ ऐसी योग क्रियाओं के बारे में जानेंगे, जिनके अभ्यास से शारीरिक थकान के साथ-साथ मानसिक तनाव भी दूर होगा. विचलित मन शांत रह पायेगा और नींद भी अच्छी आयेगी.

मकरासन

इस आसन में किसी समतल स्थान में पेट के बल सीधा लेट जाएं. अब कुहनियों के सहारे सिर और कंधे को उठाएं तथा हथेलियों पर ठुड्डी को टिका दें. आखें बंद कर शरीर को बिल्कुल ढीला छोड़ दें. अब श्वास-प्रश्वास पर मन को केंद्रित करते हुए उनकी गिनती शुरू कर दें. लंबी गहरी सांसें लेते हुए कुछ समय तक लगातार इस अवस्था में रहें. इस अभ्यास को भी रोजाना कम-से-कम पांच मिनट तक करें. हां, इस आसन की समयावधि जितनी ज्यादा होगी, उतना ही बेहतर फल मिलेगा. ऐसे आपको जब जरूरत महसूस हो इस क्रिया को करें.

शवासन

यह रिलैक्सेशन यानी शिथिलीकरण का प्रमुख आसन है. इसमें दोनों हाथों को शरीर के बगल में रखते हुए पीठ के बल सीधा लेट जाएं. हथेलियों को ऊपर की ओर खुला रखें. पैरों को थोड़ा अलग कर लें, जिससे उनके बीच की दूरी करीब 15 इंच रहे. आखें बंद कर शरीर को बिल्कुल ढीला छोड़ दें. शरीर को शव की तरह पड़ा रहने दें. श्वास को सामान्य करते हुए लयबद्ध होने दें और उसे आते-जाते महसूस करें. अब श्वास को भीतर जाते हुए और फिर बाहर आते हुए सजगता से अनुभव करें और गिनें भी. कुछ मिनटों तक ऐसा करने पर तन-मन शिथिल हो जायेगा और आप बहुत रिलैक्स्ड फील करेंगे. इसे रोजाना कम-से-कम पांच मिनट तक करें. बस लेटने का स्थान समतल हो और श्वास-प्रश्वास के प्रति सचेत रहें.

मत्स्य क्रीड़ासन

बायीं ओर करवट लेकर लेट जाएं. अब ऊंगलियों को फंसा कर दोनों हथेलियों को सिरहाने ऐसे रखें कि बायीं कोहनी सिर के ऊपर की ओर रहे और दायीं कोहनी बगल में नीचे की ओर. अब दायें पैर को बगल की तरफ इस तरह मोड़ें कि दायीं कोहनी को दायीं जांघ पर रख सकें. बायें पैर को सीधा रखें. शरीर को ढीला छोड़ दें. इस अवस्था में जितनी देर संभव हो लेटे रहें. श्वास-प्रश्वास को दीर्घ, सहज और लयबद्ध करें. यही क्रिया दायीं करवट लेकर करें. यह स्थिति कीड़ारत मछली के समान है. आंतों को सक्रियता प्रदान करने और साइटिका दर्द से निदान में यह क्रिया बहुत कारगर है.

अद्धासन

दोनों हाथों को सिर के सामने सीधा करके पेट के बल सीधा लेट जाएं. ललाट को सतह पर रखें. शरीर को पूरी तरह ढीला छोड़ दें और श्वास-प्रश्वास को दीर्घ, सहज और लयबद्ध कर लें. अब पूरी एकाग्रता से सांस को आते-जाते देखें और हो सके तो गिनती भी करें. लंबी गहरी सांसें लेते हुए जितनी देर संभव हो इस अवस्था में रहने का आनंद लें. शिथिलीकरण के इस आसन से स्लिप डिस्क सहित कई शारीरिक-मानसिक रोगों में आराम मिलता है.

योगनिद्रा

शरीर और मन को शिथिल करने की इस सरल विधि में शवासन में लेट जाएं. शरीर को ढीला छोड़ दें और शांत मन से आंखें बंद करें. सांस सामान्य लेते रहें. मन में दोहराएं कि ‘सोना नहीं है’. अब एकाग्रता से आसपास की सभी चीजों को मन की आंखों से देखना शुरू करें. कमरे के बाहर से घीरे-धीरे दरवाजा, दीवार आदि को देखते हुए भीतर आइए. कमरे के अंदर की एक-एक चीज को देखते जाइए. जहां लेटे हैं, उस स्थान को महसूस करें. अब अपने स्वाभाविक श्वास के प्रति सजग होकर उसके आने-जाने की ध्वनि को सुनिए. फिर एक-एक कर शरीर के सारे अंगों को मन की आंखों से देखिए. सिर से लेकर पांव तक छोटे-बड़े सभी अंगों को. पायेंगे कि आप बिलकुल शांत हो रहे हैं. इस क्रिया को करते हुए अनेक लोगों को सचमुच नींद आ जाती है, जबकि आप दोहराते हैं कि सोना नहीं है. इस क्रिया से तन-मन दोनों को अतिशय आराम मिलता है और आप अच्छा फील करते हैं.

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