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1932 के मुद्दे पर सत्ताधारी दल और विपक्ष एक दूसरे पर हमलावर, JMM ने कहा- BJP मीरजाफर व आजसू जयचंद है

झामुमो ने भाजपा और आजसू पर हमला बोला है और उन्हें आदिवासी-मूलवासी विरोधी पार्टी करार दिया है. वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि बाबूलाल मीरजाफर हैं और सुदेश महतो जयचंद की भूमिका में हैं.

रांची : झामुमो के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि भाजपा और आजसू आदिवासी-मूलवासी विरोधी वाली मानसिकता की पार्टी है़ भाजपा मीरजाफर है, तो आजसू जयचंद है़ भाजपा के एक नेता बाबूलाल मरांडी आदिवासी समाज से आते हैं, वहीं आजसू के एक नेता सुदेश महतो पिछड़े वर्ग से आते है़ं इनलोगों ने झारखंडियों को उसकी पहचान नहीं दी.

बाबूलाल मीरजाफर हैं और सुदेश महतो जयचंद की भूमिका में है़ं श्री भट्टाचार्य शुक्रवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे़ उन्होंने कहा कि 22 वर्षों के संघर्ष के बाद झारखंडियों को उनकी पहचान मिली है़ पिछड़े समाज को उचित आरक्षण मिला है़ राज्य गठन के बाद बाबूलाल मरांडी मुख्यमंत्री बने़.

उनके साथ सुदेश महतो मंत्री थे़ पिछड़ों का आरक्षण 27 से 14 प्रतिशत कर दिया गया़ बाबूलाल ने बिना विश्वास में लिये डोमिसाइल लाया. इसकी आग में पूरा राज्य धधक गया. यह भाजपा की साजिश थी कि यहां के लोगों को पहचान ना मिले़. रघुवर दास की सरकार ने स्थानीयता नीति 1985 कर दी़ रघुवर दास की सरकार में चंद्रप्रकाश चौधरी मंत्री थे.

बुलाया जा सकता है विशेष सत्र : सुप्रियो भट्टाचार्य 

झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि झामुमो छुद्र राजनीति नहीं करती है. खतियान हमारी पहचान है़ हम देश को कोयला, लोहा, सोना, हीरा देते है़ं देश को रौशन करते है़ं यूरेनियम देकर हम अपनी पीढ़ी को कुर्बान कर रहे है़ं हमें हमारा अधिकार मिलना चाहिए़ श्री भट्टाचार्य ने कहा कि स्थानियता में कई तकनीकी पहलु है.

1932 को व्यापक सर्वे हुआ था़ टाटा लीज के कारण कोल्हान में बाद में सर्वे हुआ़ सरकार अगर महसूस करेगी, तो विशेष सत्र बुला सकती है़ जनप्रतिनिधियों की राय होगी, तो सत्र बुलाया जा सकता है़ हम लागू करने के लिए और इसे कानून का रूप देने के लिए प्रयास करेंगे़ झामुमो पहचान से किसी तरह का समझौता नहीं कर सकता है.

सबसे पहले भाजपा ने लाया था झामुमो वाहवाही ले रहा : नवीन

भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने कहा है कि राज्य सरकार ने कैबिनेट की बैठक में 1932 खतियान लागू करने का प्रस्ताव पास किया है़ वह इस जनभावना का सम्मान और समर्थन करते हैं. राज्य सरकार आज 1932 खतियान की नीति लागू कराने के नाम पर वाहवाही लूट रही है़ लेकिन राज्य गठन के बाद सबसे पहले भाजपा ने इस नीति को लागू करने का प्रयास किया था.

यह मामला हाइकोर्ट पहुंचा, तो कुछ विसंगतियों के कारण इसे खारिज कर दिया गया़ वर्तमान सरकार को हाइकोर्ट के उस आदेश का अध्ययन कर विसंगतियों को दूर करना चाहिए था़ इस नीति को आनन-फानन में लाने से कुछ नहीं होगा़ इसकी समीक्षा कर बेहतर नीति लाने की जरूरत है़ इससे झारखंड के लोगों के अधिकार की रक्षा हो पायेगी़ विधायक श्री जायसवाल ने कहा कि स्थानीय नीति को नियोजन से जोड़ने की जरूरत है़ सरकार इस निर्णय का राजनीतिक फायदे के लिए केवल ना लाये.

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