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सपा और कांग्रेस ने बढ़ाई मायावती की टेंशन, दलित वोट में सेंधमारी रोकने के लिए बसपा ने तैयार की ये रणनीति

बसपा के सामने वोटबैंक को संभाले रखने की चुनौती लगातार बढ़ती जा रही है. सपा और कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले यूपी में दलित वोटबैंक को साधने के लिए हर संभव कोशिश शुरू कर दी है. ऐसे में बसपा ने अपने वोटबैंक को लेकर एक नई रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है.

Bareilly News: लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों को लेकर कांग्रेस काफी मेहनत कर रही है. पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं दलित चेहरे के रूप में पहचान रखने वाले मलिकार्जुन खड़गे का कांग्रेस का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाना लगभग तय हो गया. इसका फायदा कांग्रेस को यूपी में भी मिल सकता है. कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में भी दलित समाज से प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. इसके साथ ही बसपा से ही ताल्लुक रखने वालों को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है.

बसपा में सेंधमारी करने की तैयारी में सपा

वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय और प्रदेश सम्मेलन में बसपा के पूर्व दलित नेताओं पर भरोसा जताया था. वह बसपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री इंद्रजीत सरोज, केके गौतम, लाल जी वर्मा, पूर्व आइएएस फतेहबहादुर सिंह को बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी में हैं. जिससे बसपा के वोट में सेंध लगाई जा सके. इधर, बसपा ने वेस वोट में सेंधमारी रोकने को बड़े फैसले लिए हैं.

बसपा के सामने वोटबैंक को संभाले रखने की चुनौती

बसपा के सामने कैडर वोट को संभालकर रखने की बड़ी चुनौती है. सपा और कांग्रेस के साथ ही भाजपा ने भी दलित वोट में सेंध लगाने का प्लान तैयार किया है. विधानसभा चुनाव 2022 में दलित समाज में जाटव समाज को छोड़कर बाकी दलित वोट भाजपा में चला गया था. यह वोट लोकसभा में भी भाजपा के साथ रहे. इसके लिए प्लान तैयार किया जा रहा है. दलित समाज के लोगों को जिम्मेदारी देने की तैयारी है. देश की आजादी के बाद से दलित समाज का वोट कांग्रेस के साथ था. कांग्रेस दलित समाज को साथ रखने के लिए काफी कोशिश करती थी. मगर, अब ये वोट खिसक गया है.

बसपा ने लिया ये फैसला

बसपा ने संगठन के पदाधिकारियों को दलित समाज को जोड़ने का निर्देश दिया है. डॉक्टर अंबेडकर के विचारों से दलित समाज को वाकिफ कराया जाएगा. परिनिर्वाण दिवस पर बसपा के नेता दलितों के घर-घर जाकर सपा, कांग्रेस की नीतियों से अवगत कराएंगे.

संगठन में बढ़ाई जाएगी भागीदारी

बसपा प्रमुख मायावती ने दलित वोट बैंक को सहेजने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं. पार्टी परिनिर्वाण दिवस के मौके पर 9 अक्टूबर को सभी मंडल मुख्यालयों पर कार्यक्रम आयोजित कर घर-घर काशीराम की गाथा बताएगी. इसके साथ ही संगठन में दलित समाज की भागीदारी बढ़ाई जाएगी. यह फरमान संगठन के पास आ गया है.

रिपोर्ट: मुहम्मद साजिद, बरेली

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